Details
कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है केहना छोडो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
Details
कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है केहना छोडो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
Comment
कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है केहना छोडो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
आज दो हफ़ते हो गए, दो हफ़ते में बहुत कुछ हुआ दो हफ़ते पहले मैंने अपना पॉटकास्ट का थर्ड एपिसोड निकाला था जो लोग सुन रहे हैं वो जानते हैं कि मैं हर मंडे एक पॉटकास्ट के एपिसोड निकालता हूं लेकिन मैंने पिछले दो अफ़ते से एक भी एपिसोड निकाला लेकिन ऐसा क्यों हुआ? कोई तो रीजन होगा, रीजन है रीजन है मेरे दोस्त, मेरे दोस्त मुझे बहुत बिजी रखते हैं बहुत ही प्यारे दोस्त हैं और वो मुझे हमेशा कही न कही अपने साथ इंवाल्ब रखते हैं सो दो अफ़ते से मैं काफी मस्ती में था, इसलिए मैंने दो पॉटकास्ट निकाले लेकिन इसका एक और रीजन है, ये वो कुछ लोग हैं, वो चार लोग जो मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, काफी मेरे करीब हैं, वो मेरा पॉटकास्ट regularly सुनते हैं और वो genuinely चाते हैं कि मेरा पॉटकास्ट बहुत अच्छा हो, मैं बहुत अच्छा करूं, मेरा हमेशा भला चाते हैं तो उन चार लोगों ने मेरा पॉटकास्ट सुनके मुझे बहुत सारे suggestions दिये, मुझे बताया कि ऐसे करो, इससे ये अच्छा होगा, तुमारा voice modulation अच्छा हो सकता है, तुमारा production अच्छा हो सकता है, तुम और अच्छी quality के mic यूज़ कर सकते हो, story में और मसाला डाल सकते हो तुम्हारे दोस्त जो भी करें वो best करें, लेकिन ये तो कोई reason नहीं होता कि मैं पॉटकास्ट बनाना बंद कर दो, मुझे तो और जादा अच्छे से करना चाहिए, after all अब तो मेरे पार suggestions है, मुझे exactly बता है क्या करना है, है ना, I am sure आपके भी ऐसे दोस्त होंगे और अच ही चीज़े करें, because वो आपका अच्छा चाहते हैं, बस problem ये है कि हम feedback सुन तो लेते हैं, लेकिन उसे accept नहीं कर पाते, accept तो कर लेते हैं, लेकिन implement नहीं कर पाते हैं, और जब implementation की बारी आती है, तो हम सोचते हैं, यार अब तो घूमने का समय है, चलो घूम के आते हैं, या अब कुछ और करने का समय है, वो करते हैं, हम किसी ना किसी तरीके से उसे procrastinate करते ही रहते हैं, उसको टालते ही रहते हैं, और ऐसे ही कर करके, I am sure आप सबने बहुत सारी चीज़े ऐसी हैं, जो शुरू करके छोड़ दियोंगी, I am sure कोई गितार बजाना चाहता था, कोई पियानो बजाना चाहता था, तो कोई photography सीखना चाहता था, कोई वीडियो बनाना चाहता था, कोई painting करना चाहता था, या कोई stock market में पैसे कमाना चाहता था, हम सब कुछ ना कुछ करना जरूर चाहते हैं, लेकिन फिर कहीं ना कहीं से हम रुख चाहते हैं, क्यों? क्योंकि हमारा दिमाग बोलता है, यार बहुत मेंनत है, छोड़ ना, देख उसने भी तो कहा, तु सही नहीं कर रहा है, छोड़ दे रहा है, और उस दिमाग के चक्कर में, जो हमें नीचे खीज़ना चाहता है, हम हार मान जाते हैं, और उन पोलते हैं, छोड़ यार, अच्छे कुछ रीजिन वो भी होते हैं, जिनको हम कहते हैं, वो चार लोग, तो चलिए शुरू करते हैं, यह है वो चार लोगों के कहानी, वेलकुम तो पॉडकास्ट, मैं सौरुब गुस्वामी हूँ, आप सौरुब गुस्वामी शौरू करते हैं, आप सब ने यह तो सुना ही होगा, हमारी माई हमेशा कहती है, यह मत कर, वो चार लोग क्या कहेंगे, वो मत कर, वो चार लोग क्या कहेंगे, चार लोग, चार लोग, कौन है यह चार लोग, तो मैंने सोचा कि अब यह दो चार लोग को मैं ढूंड़ी निकानता हूँ, कौन है भाई यह चार लोग पता थो करें, तो मैंने अस विश्वल अपने बेस्स सोर्स की तरफ रोक मोडा, और अगर आप सोच रहे हैं वो गूगल है, या चैट जीपिटी, नहीं, मैंने अप तब उसने कहा कि जब भी आप कुछ नया शुरू करते हो या नया चीज सीखने की कोशिश करते हो, उस समय न आप अपने दोनो कान और दोनो आँख बंद रखना चाहिए, मैंने कहा बंद रखना चाहिए, ये कैसे? फिर आप सीखोगे कैसे? ना सुनाई दे रहा है, ना दिखाई दे रहा है, तब उसने बताया नहीं, सीखो, लेकिन सीखने के बाद जब आप उसके बारे में लोगों से बात कर रहे हो, तो कुछ समय के लिए शुरुवात में अपने दोनो आँख और दोनो काँख बंद रखो, क्योंकि आप जब भी नया शुरु कुछ कर रहे हो, तो आपके दिमाग में वैसे ही रेजिस्टेंस है, उसके उपर से आप और नया रेजिस्टेंस ढूंढते हो और फैदा करते हो अपने दोस्तों से, रिश्टेदारों से, अपने कलीग से या किसी से भी चीज़े शेर और डिसकस करने के बाद, जब वो फीडबाक आता है, आप रेडी नहीं होते हो वो फीडबाक एक्सेप्ट करने के लिए, और आँख और कान ये दो मीडियम हैं, जिसके थूँ आपके फीडबाक एक्सेप्ट करते हो, तो शुरु में आँख और कान बंद करो और चलते चलो, क्योंकि कभी-कभी करन हूँ, मुझे बताओ, तो मैं कैसे सीखूँगा आवी, कैसे समझूँगा, तब उसने बताया कि उसने बहुत सारी चीजे कैसे, उसने मुझे बताया कि वो बहुत सारी चीजे पहले सीखता था, सीखने के बाद इंप्लिमेंट करता था और फिर उसके बाद खुद ही एवालिवेट करता था कि वो कितना अच्छा हुआ है, अपने बेंचमाक खुद ही बढ़ाता था और बाद में वो फीडबैक लेते समय या किसी से सझेशन लेते समय बहुत ही चूजी होता था, वो जाके किसी से भी फीडबैक नहीं लेता था, वो स्पेसिफिक प्रोफेशनल्स हो गए या कोई एन्धूसियास्ट हो गए, ऐसे लोग जो आपकी एफर्ट जो पुट इन किये है आपने उसकी वैल्यू करत है, आपको कितनी अपनी एकस्टेक्टेशन बढ़ानी चूजी है, मैंने कहा ठीक है, तो फिर अगर मैं पॉटकास्ट करता हूँ, तो मैं क्या करूँ जाओं और लोगों को नहीं पुछूं कि कैसा लग रहा है भाई अल्टिमिटली लोग सुनेंगे वो बताएंगे कि उन अच्छा, तो ठीक है, मैं अगला एपिसोड बनाता हूँ, पब्लिश करता हूँ, लोगों को बोलता हूँ, अपने सजेशन दो, लेकिन मैं सुनूँगा नहीं, कान और आख बंद है मेरे, ऐसा करूँ, तब वो हसने लगा, बोला सुन इधरा, देखो एक बात बताता हूँ, और तब उससे, अमर प्रेम मुवी का काने के लिरिक्स बताया मुझे, कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना, छोड़ो विकार की बातों को, कहीं बीत न चाय रहना, इसका मतलब है, लोग तो कहेंगे न, लोगों का काम है कहना, आपका काम है करते रहना, करते रहो, रात निकल जाएगी, समय निकल जाएगा, लेकिन मैं फिर भी कन्विंस नहीं हुआ, और मैंने एक आखरी सवाल पुछा, क्योंकि, टू एम फ्रेंट से बात कर रहा था, बात करते करते तीन बच चुके था, और उसके बाद क्या होता है, इसके लिए आपको पिछला एपिसोड सुनना पड़ेगा, लेकिन, तीन बच चुके थे, एक आखरी सवाल मैंने और पुछा, कि आप लोगों के फीडबैक पॉजिटिव भी थो ले सकते हो न, आख और कान बंद करने की क्या जरूरत है, तो उसने इसका जवाब दिया एक नायक मूवी के डाइलोग से, कि जो आप कह रहे हैं, वो सुनने में तो अच्छा है, लेकिन प्राक्टिकल नहीं, प्राब्लम फीडबैक सुनने में नहीं है, प्राब्लम उसको इंप्लिमेंट करने में है, वैसे ही जो आप कर रहे हो, वो आपके लिए डिफिकल्ट है, या आप अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल रहे हो, अगर आप फीडबैक भी इंप्लिमेंट करना चाहते हो, या सजेस्चेंस पर काम करना चाहते हो, तो वो आपके लिए और डिफिकल्ट हो जाता है, अभी जरूरी है ये प्रासस को इंजॉय करना, ये रास्ते को इंजॉय करना, और जैसे जैसे आप आगे बढ़ेंगे, आप खुदी को एवालिएट करके ठीक कर सकते हैं, ये चाहे गितार बजाने में हो, सिंगिंग में हो, स्टॉक मार्केट में, थोड़ा सीखना बढ़ेगा पहले, पेंटिंग में हो या और भी किसी होबी में हो, जो आप पर्सीव करना चाहते हो, तो ये सुनके मैं काफी हद तक कन्विंस हो चुका था, मैंने बलला ठीक है भाई, करते हैं कुछ, अभी तो आ रही है नीद, नाइट, तो ऐसे करके हमारा कॉल खतम हुआ, और लीज़े एक और एपिसोड रेटी, बताईए का मुझे कैसा लगा ये, और अगर आप भी कोई हॉबी पर्सीव कर रहे हैं, तो करते रहे हैं, रुपना नहीं है, चलते हैं, इसलिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपके लिए आपक
Listen to Khuch Toh Log Kahenge by Saurabh Goswami MP3 song. Khuch Toh Log Kahenge song from Saurabh Goswami is available on Audio.com. The duration of song is 09:23. This high-quality MP3 track has 1411.2 kbps bitrate and was uploaded on 13 Mar 2023. Stream and download Khuch Toh Log Kahenge by Saurabh Goswami for free on Audio.com – your ultimate destination for MP3 music.