Details
पूर्ण रूप से किसी के ऊपर आश्रित होने के कारण छोटी चिड़िया और उसका परिवार भूख से मरने के कगार पर आ गया था।कैसे उन्होंने खुद के लिए संघर्ष किया जानने के लिए सुनें पंचतंत्र से ली गई "भूखी चिड़िया।"
Big christmas sale
Premium Access 35% OFF
पूर्ण रूप से किसी के ऊपर आश्रित होने के कारण छोटी चिड़िया और उसका परिवार भूख से मरने के कगार पर आ गया था।कैसे उन्होंने खुद के लिए संघर्ष किया जानने के लिए सुनें पंचतंत्र से ली गई "भूखी चिड़िया।"
आये सुनते हैं पश्चतंस्र की कहानी भूखी चड़िया सालों पहले एक घंटा घर में टिंकू चड़िया अपने माता पिता और पांच भाईयों के साथ रह थी टिंकू चड़िया छोटी थी थी उसके पंक मुलायन थे उसकी माने उसे घंटा घर की ताल पर चहतना सिखाया था घंटा घर के पास ही एक घर था जिसमें पक्षियों से प्यार करने वाली एक महिला रहती वो टिंकू चड़िया और उसके परिवार के लिए रोज रोटी का तुकड़ा जानती थी एक दिन वो बिमार पड़ गई और उसकी मौत हो गई टिंकू चड़िया और उसका पूरा परिवार उस औरक के खाने पर निर्भर था अब उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं था ना ही वो अपने लिए खाना चुटाने के लिए कुछ करते हैं एक दिन भूग से वेहाल होकर टिंकू चड़िया के पिता ने कीड़ों का शिकार करने का फैसला किया काफी मेंनक करने के बार उन्हें तीन कीड़े मिलई जो परिवार के लिए काफी नहीं थे वे आप लोग थे इसलिए उन्होंने टिंकू और उसके दो छोटे भाईयों को खिलाने के लिए कीड़े साइड दे रख दिये इधर थाने के तलाश में भटक रही टिंकू उसके भाई और उसकी मा ने एक घर की खिड़ी में चोंच मारी ताकि कुछ मिल जाए लेकिन कुछ नहीं मिला उल्टर धर के मालिक ने उन्होंने पर राख करी की जिसे सीनों के रण भूरे हो गये उधर काफी तलाश के बाद टिंकू के पिता को एक ऐसी ज़िना मिली जहाँ काफी संख्याने की ले थे उनके कई जिनों के खाने का इंटरजान हो चुगा था वो जब खुशी खुशी घर पहुँचा तो वहाँ कोई नहीं मिला वो परेशान हो गया कभी टिंकू चिडिया उसका भाई और माँ वापस लोटे तो पिता उन्हें पहचान ना पाए और गुस्ते में उन्होंने सब को भुगा दिया टिंकू ने पिता को संजाने की काफी कोशिश की उसने बार बार बताया कि किसे ने उनके उपर रंग ठेका है लेकिन टिंकू के हार असफलता ही लगी उसके मा और भाई भी निराश हो गये लेकिन टिंकू ने हार नहीं माँगी वो उन्हें लेकर टालाक के पास गई और महला कर सत्की राख सका दी तीनों अब अपने पुराने रूप में आ गए अब टिंकू के पिता ने भी उन्हें तह्चान लिया और माफ़ि माँगिये अब तब मिलकर खुशी खुशी एक साथ रहने लगे उनके पास खाने की कोई कमी नहीं थी सहाले से ये पिता मिलती है कभी किसी पर पूरी तरह निर्भत नहीं रहना चाहिए इनसान को खुश मेहनत करके अपनी जरूरत की चीजों को जुटाना चाहिए