Details
Nothing to say, yet
Nothing to say, yet
Listen to जन-2023-8-19-4-30-36 by Ashim Kumar Pathak MP3 song. जन-2023-8-19-4-30-36 song from Ashim Kumar Pathak is available on Audio.com. The duration of song is 00:57. This high-quality MP3 track has 48 kbps bitrate and was uploaded on 18 Aug 2023. Stream and download जन-2023-8-19-4-30-36 by Ashim Kumar Pathak for free on Audio.com – your ultimate destination for MP3 music.
आइए आज हम सभी असीम कुमार पाठक उर्फ "पथिक " द्वारा विरचित कविता " जन " का पाठ करते हैं। छन-छन-छन की माया में, सन-सन- सन के साया ने बन-छन-ठन के लाया है, पल पल उनकी छाया है सब जन जन की छाया है, हर पल उनको पाया है संसार ही उनकी माया है, सुमधुर स्वरों में गाया है सब जन जग में आया। सब जन जन को पाया जब असु तन में आया, तब असु तन को भाया जन पंक्ति मन राग है, तन कीर्ति धन मान है जग प्राण यज्ञ नाज है , कर कीर्ति प्रण ज्ञान है सारा जीवन है सुमन जैसी , सारी धरा उपवन जैसी जीवन सुमन तो वह उपवन है, इस जमीं में एक सुन्दर तन है