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आइए आज हम सभी असीम कुमार पाठक उर्फ "पथिक " द्वारा विरचित कविता " बदलाव " का पाठ करते हैं। समय समय की बात है, वो न जाने किसके साथ है। समय ही जीवन आधार , अभी से करो हर सुधार।। आप सुधरेंगे संसार में , बदलाव होगा इंसान में। अपने में प्रेम की ज्योति है, तो धरा ही प्रेम की मोती है।। बाल- बालाओं को भी ज्ञान हो, कर्त्तव्यों में उनका ध्यान हो। संसार एकचक्राधार हो , एकता का सदा प्रचार हो।। सब जन में अनुराग हो, जीवन से नहीं कुराग हो। पलभर में न नाराज हो, हर समय ही नवाचार हो।। यदि आप न देंगे सम्मान, तो आप सभी में होगा मान। जग कहेगा आप हो शैतान, अतः सुधरों सभी इंसान।। तू जग जीवन को जानता, सब जग को पहचानता। अहं से न होता हर नाता, तो जग आपको भी चाहता।।