Details
Nothing to say, yet
Nothing to say, yet
जब जब तेरे पास मैं आया एक सुकुं में मिला जिस मैं था भूलताया वो वजूद मिला जब आये यहाँ सुंगं के तुझे आद किया जब सेने तन्हापन पे तुझे आद किया दिल संभल जड़ा फिर मोहाबत करने चला यही रुक जड़ा फिर मोहाबत करने चला