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जब जब तेरे पास मैं आया एक सुकुं में मिला जिस मैं था भूलताया वो वजूद मिला जब आये यहाँ सुंगं के तुझे आद किया जब सेने तन्हापन पे तुझे आद किया दिल संभल जड़ा फिर मोहाबत करने चला यही रुक जड़ा फिर मोहाबत करने चला