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cover of ek Baap Aur Bete Ki Kahani By Tikam
ek Baap Aur Bete Ki Kahani By Tikam

ek Baap Aur Bete Ki Kahani By Tikam

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एक बार बाप और बेटे ने एक गधा घरिदा और वह अपनी बेटे को गधे पर बैठा दिया, अपना खुद गधा लेकर पैदल घर के लिए चल दिया। यह देख रास्ते भर के लोग आपस में बात करने लगे कि कैसा बेटा है जो अपने बाप को पैदल लेकर जा रहा है और खुद गधे पर बैठा हुआ है। अरे यह देखो यह कामचोर लड़का तो आराम से गधे पर बैठा है और बुढ़ा बाप उसके पीछे पैदल चल रहा है। यह बततमिद लड़के उतर नीचे और अपने बाप को बैठा गधे पर। यह सुनते सुनते जब रहा नहीं गया तो बेटा गधे सुदर गया और पिताजी को गधे पर बैठा दिया और चलने लगा। कुछ दूरी चलने के पाद फिर कुछ लोग हुए जो कहने लगे कैसा बाप है जो स्वेम गधे पर बैठा हुआ है और बेटे को पैदल चल ले तो देखो तो देखो कैसा मज़े में खुद तो गधे पर बैठा है और बच्चे को पैदल धवडा रहा है बिचारा कैसा हाँ पर रहा है ओ गुद्धी सरम नहीं आती तुझे खुद गधे पर बैठा है अब बच्चों को भी गधे पर क्यों नहीं बैठा लेता। यह सुनकर बाप बेटे दोनों ही इस गधे पर बैठे और आगे बढ़ने लगे कुछ देर बाद फिर कुछ लोग मिले जो बाप बेटे को गधे पर बैठा देखे कहने लगे कि ये कैसे निर्देई लोग हैं जो एक ही गधे पर दोनों सवार हैं लगता है गधे की जान ल बाप बेटे गधे को नीचे उठार देते हैं और ये समझ जाते हैं कि उन्हें अपनी बाप बेटे को नीचे उठार देते हैं और ये समझ जाते हैं कि उन्हें अपनी बाप बेटे को नीचे उठार देते हैं और ये समझ जाते हैं कि उन्हें अपनी बाप बेटे को नीच कि उन्हें अपनी बाप बेटे को नीचे उठार देते हैं और ये समझ जाते हैं कि उन्हें अपनी बाप बेटे को नीचे उठार देते हैं और ये समझ जाते हैं कि उन्हें अपनी बाप बेटे को नीचे उठार देते हैं और ये समझ जाते हैं कि उन्हें अपनी बाप बे लिखने वालें ने क्या खूब लिखा है कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना

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