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Nothing to say, yet
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क्या एक मा इतनी जुलम कर सकती है कि वो साथ आट और दस साला अपने बच्चे को रस्टोरेंट किसी और पराये लोग के सामने जलील होते हुए देख सकती है क्या उरात के ग्यारा बारा बज़े तक अपने बच्चे को देख सकती है कि वो बारा बज़े घर आए और वो भी सव दो सो रुपे खमा कर आपने अक्सर पूल जैसे नन्ने से बच्चों को देखा होगा कि उरात गरे तक किसी के साथ काम करते हैं याद रखना कि घूरबत अफलास और बूख की वज़ा से वरना मस्ती के हाथ और कुई भी अपना चोटा सा नन्ना सा बच्चा बाहर काम करते हुए नहीं देख पार सकेगा इसलिए आप से कुछ आरिश है कि जब आप खाना खाने बाहर जाते हैं तो गर आप दो तीन हजार का बिल बढ़ सकते हैं इससे ठाकत रख सकते हैं तो आप पचास या सोर रुपि उस पच्ची की जीवनी भी डालेगा उपरवाला जो है उस सब कुछ देख रहा है उस पर भी इंतहान है और आप पर भी
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