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Story of a girl Madly in love, UnConditionally
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Story of a girl Madly in love, UnConditionally
एक लड़की थी दीवानी सी, एक लड़के पे वो मरती थी, नजरे जुखा के, शर्मा के, गलियों से गुजरा करती थी, चोरी-चोरी, चुक्के-चुक्के, चिठियां लिखा करती थी, कुछ कहना था शायद उसको, पर जाने किस से डरती थी, जब भी मिलती थी मुझसे, म क्या आपको भी ऐसा लगता है? सो ये डाइलॉग थे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझसे, मुझ उसके फ्रेंज है, फैमिली है, लेकिन लड़की को सिर्फ और सिर्फ वो लड़का ही दिखता है हमेशा सुबे, शाम, दिन, रात, वो सिर्फ उसके बारे में सोचती है उस लड़की की सुबा होती ही उस लड़के से सुबे मिलने से है बिना उससे मिले, बिना उसको देखे, उसका दिन नहीं शुरू होता उसके साथ हर सुबा बात करना, प्यार करना, ये उसकी आदत से बन गई थी वैल, वो लड़का भी बुरा नहीं है, वो भी काफी अच्छा है और काफी प्यार करता है उसको हमेशा उसके साथ टाइम स्पेंड करना, इवन इफ जब वो बिजी है, वो टाइम निकालता है उसके साथ टाइम स्पेंड करने के लिए लेकिन कभी-कभी ऐसा हो जाता है कि लड़का बिजी है, लेकिन लड़की तो भी दिवानी है और इस दिवान्गी का आलम ये है कभी-कभी वो लड़की गुस्सा होके बहुत गुस्सा होके उसको डाट डबड देती है, उसको नोच तक देती है, ये कैसा प्यार है? कभी-कभी मैं सोचता हूँ, वो लड़की क्यों करती है ऐसा? लेकिन अगर आप उसकी पॉइंट अफ्यू से देखें, तो वो उसे बेंतहां प्यार करती है, लड़का भी उसे प्यार करता जरूर है, लेकिन कभी-कभी उसे बता नहीं पाता, कुस्सा हो जाता है, लड़ करता जाता है, तो उसे प्यार करता जाता है, तो उसे प्यार करता जाता है, तो उसे प्यार करता जाता है, तो उसे प्यार करता जाता है, तो उसे प्यार करता जाता है, तो उसे प्यार करता जाता है, तो उसे प्यार करता जाता है, तो उसे प्यार करता जाता है, तो उसे प दूसरे से प्यार करते हैं, हमेशा अपने साथ रहते हैं, जीने मरने की कस्मे खाते हैं, और अचानक एक दिन लड़ पड़ते हैं, और वो सब मर मिटने की कस्मे मार देने की कोशिश हो जाती हैं। लोजिकली सुचे, तो ऐसा नहीं होना चाहिए, लेकिन ऐसा होता है, लेकिन उसके बाद भी, कोई कितना भी चाहे, एक दूसरे से दूर नहीं रह पाता है, और यही होता है उस दिवानी लड़की के साथ, वो कितना भी चाहे, कितना भी लड़े, कितना भी चगडे, वो द कितना कम समय भी हो, लेकिन वो दोनों एक दूसरे को अपना समय जरूर देते हैं, और कंडिशन नहीं लगाते हैं, कि अगर मैं समय दे रहा हूँ, तो तुम्हें देना है, या तुम मुझे समय दे रहे हो, तो मैं तुम्हें दूंगा, प्यार हमेशा विधाउट कंडिशन है, इससे मैं ही सीखा हूँ, यह लड़की और कोई नहीं मेरे साथ रहने वाली मेरी प्यारी सी, चोटी सी, बीगल है, जी हाँ, यह चार पैरो वाली बीगल ने मुझे बहुत कुछ सिखा है, प्यार के बारे में, गुसा करना, लड़ना, नोचना, घूमना फिरना, और फिर कुछ भी हो, प्यार करते रहना, और इसी को कहते हैं सच्चा प्यार, तो मुझे नहीं लगता, कोई भी इंसान, इतना सच्चा प्यार, इसी से कर सकता है, थोड़ा तो गुसा आएगा, कुछ दूरियां तो बन ही सकती है, और वो बनेंगी भी, मुझ्किल ये नहीं है कि दूरियां है, मुझ्किल तब होती है, जब पास आने की इच्छा नहीं होती, तब कुछ डेफिनेटली गलत है, ये सिर्फ इंसानों के साथ ही होता है, लेकिन मेरी बीरा बहुत अच्छी है, और मैं उससे ट्रेटर पे डाल सकते हैं, तब तक के लिए मिलते हैं, नेक्स टाइम, गुडबाइ!