नमस्चार, आदाब, शुक्रिया आप लोग का, आप लोग मेरे सुनने के लिए बैठे हैं, सफायर क्रुण चैनल पर आपका स्वागत है, हम जैसा की जानते हैं, हम मिलते हैं और हम एक छूटी सी स्टोरी शेयर करते हैं, एक छूटी सी स्टोरी आज भी आज के लिए और उमीद थी कि किसी दिन हमारे घर में भी कोई छोटा बालक खेलेगा, ईश्वर की प्रपास से एक दिन उन्होंने अपने खेद में से उबाई हुई परवल धर में ला कर दी, और परवल बना दी, कोई बुरी माता जी दी, खा लिया, एक परवल, परवल का जो शुक्रि बुरी मैला तो उन्होंने देखा, परवल में उन्हों को कुछ शेब बड़ा लगा, परवल का, और उन्होंने इसको पोशिश करने की, तेलो इसको फोल के देखते हैं, हाथ ते ऐसे फाला तो देखा, उन्होंने छोटा सा बालक, क्वायं क्वायं करता हुआ बाहर निकला समय के साथ बालक बढ़ता गया, थीज़े सीखता गया, समझ गया कि यही मेरे माता पिता हैं, इनके साथ ही मुझे अपने जीवन के लिवार करना है, इनके साथ बहुत खेती करता था, घर पे मा के साथ काम कराता था, खेलता था, खाता था, जहता था फिर उसने देखा, आगपास में समारो हो रहा है, तो तब भी मा से पूछा, बुरी मा से, मा यह क्या हो रहा है, बोले यह शादी हो रही है, मुझे भी शादी करनी है, बोले तुम तभी बहुत चोटे हो, बोले आपने मेरा नाम बित्नू क्यों रखा, बोले तेरा साइस � भट पड़ गया बच्चे, उन्होंने कहा, अरे छोड़ तु परशान मत हो, मैं तो तेरी शादी राजा की बेटी से कराऊँगी, राजा की बेटी से, हाँ राजा की बेटी से मैं तुम्हारी शादी कराऊँगी, और वो बच्चे को जैसे माईं संजाती हैं, वैसे उन्ह बैल गारी गारी, तो देटर से चोटी से बैल गारी रहे, बैल गारी तो बना रही लिख्री की, मगर अब उसमें क्या लगाई, बैल तो इससे चोटे होते नहीं, तो उसने क्या क्या, उसने चोटे चोटे दो चूहों को पकड़ा, और उनको बैल के लिए लगा दिया, बै जा रहा हूँ राजा की बेटी से शादी करने, राजा की बेटी से शादी, हम भी चलेंगे, हम भी चलेंगे, बच्चे दे, सुभाव वर्ष, चलचलता होती है, बैड़ गए, गारी में, और इसके साथ हो लिए, आगे चलते गए, सीतिया, बित्नु भाई कहा जा रहे हो, बर्रईया मिली रास्ते में, कहा जा रहे हो बित्नु भाई, राजा की बेटी से शादी करने जा रहा हूँ, चलेंगे भाई, वो भी उस साथ में चलेंगे, नदियां पड़ी, साथ में नदियां पड़ी रास्ते में, कहा जा रहे हो बित्नु भाई, मैं तो जा रहा हूँ कि आज़पास पहुंची रहे थे, लोगों ने ध्यान नहीं दिया, किसी की नज़र पड़ी, तो बले, ये कौन है भाई, कौन हो तुम, कहा जाना है, पहड़ेदार ने रोका, मुझे जाने दो, मैं राजा की बेटी से शादी करने आया हूँ, राजा की बेटी से शादी ह और वो एकड़म गुन्ग्रेंच थे, किसी मा ने बताया था, कि मैं तेही शादी राजा की बेटी से करवाऊँगी, बच्चे मा की बात को बहुत ज़्यादा ट्रिफर्स देते हैं, इसका एक उधार्ण, वो उनके बात मन में गहरी बैट जाती है, इसका एक उधार्ण द हाथी के नीचे कुछवा देंगे, हाथी के प्यार के नीचे, तो उसकी दोस्त थीं जो सीटिया, जैसे हाथी को बुलाया गया उसके पास, किसियां काण में गुज़ गईंगे, उसके बाद वो हाथी, मतवाले हाथी के तरह हो करके वापड़ चला गया, एक मसला हैल हुआ पहलवान आये, पहलवानों को बर्रे ने काट खाया, पहलवान वापड़ काट गया, बहुत तरीकी अपनाये गया, कोई भी सफल नहीं हुआ राजा ने कहा, ये कौन है आखिर, कि ये जो हमारे बेटिये से शादी करना चाह रहा हो, इतने लोग जा रहे हैं, में में सीर्णा में से लोग जा रहे हैं, और वो कुछ भी उसका बिगार नहीं पा रहे है, कहते हैं बित्नु है, चोटा का है, बित्ते मर का है, कैसे मैं अ इसको समझाने की बहुत कोशिश की, अपने ढरिके से, कि देखो भाई ठीक है, तुम्हारी माने तुम्हें समझाया, जो भी समझने तुम्हें आया, तुम आ गए, तुम्हें कोशिश भी कर ली, मगर ऐसा हो नहीं सकता, क्योंकि तुम्हारे जाद बिराज़ी का, तुम्ह नाप की बात है, मैं इतने लोगों को रास्ते में बताते हुए आया हूँ, कि मैं राजा की बेटी से शादी करने जा रहा हूँ, और अब तुम्हें राजा की बेटी से शादी करके ही लोटूँगा, वरना यहीं मल जाना सहूंगा, अब राजा ने भी देखा, बड़ा ह� वरना यहीं मल जाना सहूंगा, अब राजा ने भी देखा, बड़ा हूँ, वरना यहीं मल जाना सहूंगा, अब राजा ने भी देखा, बड़ा हूँ, वरना यहीं मल जाना सहूंगा, अब राजा ने भी देखा, बड़ा हूँ, वरना यहीं मल जाना सहूंगा, अब राज ने कुछ तो बात है बंदे में, इतने लोग, इवन की मैं भी आके, मैं इसके समझा नहीं पाया, और ये अपने धुन का पक्का व्यक्ति है, में राजा जासे गुण है, तो ठीक है, तयार हो गए, शाही ढीती से शादी विवाव हो, वापस अच्छी तरीके से पालकी में बहुत सुन्दर सा राजमहल भी दिया, जिसमें वो रहने वाले थे, पर तुकि वो अपने घर पहले बहुँ को लेकर जाएंगे, तो वो घर लेकर गए, रास्ते में, उनके सारे दोस्त भी जैसे याता वात आये थे, सब वापस गए, घर पहुँचते पर माता पिता ने � बावला हो गया है, ये ऐसे ही कुछ भी बोल रहा है, उन्हों ने कहा, तु सच में पगला गया है, और ऐसा कही हो सकता तेरी शादी और राजा की बेटी से, मैं ते इसे हासी में कह दिया करती थी, तेरा दिल रखने के लिए बच्चे, तुझे तो, तुने तो सच में उसे माता पिता, जैसे ही वो प्यार चुता है, वो भी एक सुन्दर नवीवक राज़ कुमारें प्रवर्धित हो जाता है, और इस प्रवर्धित से, ये कहानी बितनों की खतम होती है, और वो फिर से राज महल में अच्छी तरेके से रहने लगते हैं, बोड़े माता प्यार चुता है, जैसे ही वो प्यार चुता है, वो भी एक सुनदर नवीवक राज कुमारें प्रवर्धित हो जाता है, और इस प्रवर्धित से राज महल में अच्छी तरेके से रहने लगते है, और वो फिर से राज महल में अच्छी तरेके से रहने लगते है, और वो फ