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आते जाते खूब सूरत आबारा सडकों पे कभी कभी इत्तफाक से कितने अझान लोग मिल जाते हैं उन मेंसे कुछ लोग भूल जाते हैं कुछ याद रह जाते हैं उन मेंसे कुछ लोग भूल जाते हैं कुछ याद रह जाते हैं किस कदर ये हसी खयाल मिला है राह में एक रेशमी रुमाल मिला है जो गिराया था किसी ने जान कर जिसका हो ले जाए वो पहचान कर वरना मैं रख लूँगा उसको अपना जान कर किसी हुसन वाले की निशानी मान कर निशानी मान कर हसते गाते लोगों की पातो ही बातो में कभी कभी एक मजाक से कितने जवान किसे बन जाते हैं उन किसों में चंद भूल जाते हैं चंद याद रह जाते हैं उन में से कुछ लोग भूल जाते हैं कुछ याद रह जाते हैं उसने भी शायद ये पैगाम सुना हो मेरे गीतों में अपना नाम सुना हो दूर बैठी है ये राज वो जान ले मेरी आवाज को पहचान ले काश फिर कल रात जैसी बरसात हो और मेरी उसकी कहीं मुलाकात हो लंबी लंबी रातों में नीद नहीं जब आती कभी कभी इस फिराक से कितने हसीन खाप बन जाते हैं उन में से कुछ खाप भूल जाते हैं कुछ याद रह जाते हैं उन में से कुछ लोग भूल जाते हैं कुछ याद रह जाते हैं कुछ याद रह जाते हैं कुछ याद रह जाते हैं कुछ याद रह जाते हैं