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Nothing to say, yet
Nothing to say, yet
मैं रहू या ना रहू तुम उझ में कहीं बाकी रहना मुझे नीद आए जो आखरी तुम खाबों में आते रहना बस इतना है तुम से कहना किसी रोज बारिश जो आए समझ लेना बूंदों में मैं हूँ सुभा दूप तुमको सताए समझ लेना किर्नों में मैं हूँ मैं कहू या ना कहू तुम मुझे को सदा सुनते रहना बस इतना है तुम से कहना