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ek dolphinki khani

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yasmin voiceiver

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इसे सुनें पीटर नाम के एक डॉल्फ़िन(Dolphin) का नाम इतिहास में अंकित किया गया था, जो कभी नासा का अध्ययन विषय था। पीटर ने 1960 के दशक में आत्महत्या कर ली थी। द साइंस टाइम्स के अनुसार, नासा ने 1965 में अपने नए प्रयोग के तहत पीटर नाम के एक डॉल्फ़िन को चुना था, जिसका उद्देश्य उसे अंग्रेजी में बात करने का प्रशिक्षण देना था। yasminvoiceover172@gmail.com (Hindi)

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वैक्यानिक कुछ दवाईयों का उप्योग जानवरों पर कर रहे थे जिसमें एक मेल डॉलफिन भी थी जिसका नाम था पीटर और उसके ट्रेनर का नाम था लोवेट. जैसे ही परियोग समाफ्थ हो गया पीटर को मियामी ने डॉलफिन से अलग कर दिया गया और एक छोटे और कम रौष्णी वाले टैंक में रखा गया. कसित तौर पर डॉलफिन का अलगाव से बीच रूट गया था और उसने अपनी जान ले जी क्योंकि उसने स्वेश्चा से सांफ लेना बंध कर दिया था और टैंक के तले में डॉब गई. पिटर के आत्मगाती हमले ने बंधी जानवरों के संबंध में एक महत्वपूर्ण बिंदु का पुलासा किया. कलेट पत्रिका के ब्राइन पामर का हवाला देते हुए साइंस टाइम ने कहा कि जानवरों द्वारा आत्मःत्या का निर्धारन करना मुश्किल है क्योंकि ये उच्छ करम की संघ्यानात्मक शम्ता के संग्रह की मांग करता है. वहवारिक मियोरो, साइंटिस्ट और डॉलफिन विशेशक्गे लॉरी मेरोनर ने कहा कि डॉलफिन में आत्मःत्या की योजना बनाने और उसे अंजाम देने की संघ्यानात्मक शम्ता होती है.

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