Home Page
cover of Scene4
Scene4

Scene4

vikas agrawal

0 followers

00:00-01:46

Nothing to say, yet

Podcastspeechmale speechman speakingnarrationmonologue

Audio hosting, extended storage and much more

AI Mastering

Transcription

प्रनाम मुणिवर मेरे अहो बागे जो आपने मुझे दर्शन दिये। राजन तुम्हारे राजन में सब कुशल मंगल को रहना। आपकी पुरुपा से सब कुशल मंगल है। पुरुपा नदी आपके बदाने का प्रवुजन बदाने का सच करें। आपकी जो आग्या होगी दर्शन तान देकर भी उसे पुरा करने का प्रयास करें। धन्य हो रखुपिल शिर्वमणी। ऐसे उदाशब केवल आपके मुख से ही संगल है। मेरी इच्छा इस पुर्थी पर केवल आप ही पूल कर सकते हैं। मुनींद्री आग्या करें। तालका नामत राक्षसी और उसकी सेना ने हम रिशी मुनियों की सपत्या को यदा कदा भंग करने का प्रण ले लिया है। और हम रिशी मुनी के बीच में हाहा कार मत जाया है। इसलिए मैं आपके पास राम को मानने आएं। राम के पराक्षम से तालका और उसकी सेना का विनाश हो जाये और रिशी मुनी अपने यग को बिना किसी विगन के फूल कर बागे। राम प्रभु आप मेरे प्रान मांग लिजीए। मैं सहल देने के लिए तयार हूँ। परंद हूँ। राजन जब इच्छा पुर्थी ही नहीं कर सकते तो बचन ही क्यों दिया। समझ प्राति हूँ मुनीवर। पुत्र मुमें यह बूल गया कि मैं बचन बद्ध हूँ। पर मेरा एक अनुरोभ है। पुर्पिया राम पिता लख्मन को भी ले जाये।

Other Creators