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नमक्कार मैं डक्र सुरुष्य संस्तुरी सालिक अचारे धर्मसास्त्रे महाग सुरुष्य संस्तुरी तेंद्री संस्तुरी पुष्य जानते हूं। धर्मसास्त्र अची गर्म के अंतर अगर हम आज अच्छे तुर्तिय वर्त के वारे में जानेंगे। अच्छे तुर्तिय वर्त महाग सुरुष्य संस्तुरी का एक महत्व पुना परविलाय है। अच्छे तुर्तिय वैशाह मासम है सुप्य वर्ष की तुर्तिय तुर् तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तु तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तुर्तिय तु इसी दिन गंगोत्री में मा गंगा मिंद्य, विष्ट प्रसथ बद्धिनाद, धाम रेवं किदर्नाद, धामकालकालकाल इसी दिन खुलता है, प्रसथ समाज इसी दिन लक्ती, मा और भूल बेल का प्रिजान का लिए प्रसथ बद्धिनाद के तुम्हें बिचाई प्रा� पुराण अनुपार इस दिन अची परकार का दमा, अच्छे पंट बाल प्रफा है, यह भी मान हो जाता है कि आज किसी दिन मनुस्य अपने या सुजोनों द्वारा किये जाने वाले अनजाने अप्राजों की सच्चे विष्ट से इश्वर्ष के मत्रात्मा करें, � अच्छे दिन अपने दिर्वारों को बहुत अप्राजों की सच्चे चलिए अपित कर उनके सदोरों का वाधान माने की परभाव है, जैसे दिन मसंतर्वितु के अंतर और भिस्मृति का प्राणवार मान भी है, इसलिए अच्छे प्रतिय के दिन जल से बड़े बड जाएगा और समझ करते हैं, मैं सर्गों के अगले दिन नहीं करता हूँगी, एसी प्रतिय माने का इसलिए अच्छे प्रतिय है, अपने अच्छे आत्मां और सप्र्वित्यों के अंतर के लिए अच्छे रहता है, इसलिए आत्मां के लिए अच्छे रह�