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Yudhh Ek Hai Bhitar

Yudhh Ek Hai Bhitar

Kuwar Dheeraj SrivastavaKuwar Dheeraj Srivastava

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युद्ध एक भीतर है, हो रहा एक बाहर भी, जीत लूं मैं युद्ध दोनों, अंदर एक विभीषण, एक बाहर भी। हो रहा छणिक है, भय साथ ही साहस भी, जीत लूं मैं लंका दोनों, राम बन मैं, रावण भी। शंका बड़ी है, जीवन साथ ही मौत का अट्टहास भी, युद्ध क्षेत्र है दोनों, नायक मैं, प्रतिनायक भी।

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युद्ध एक भीतर है, हो रहा एक बाहर भी, जीत लूं मैं युद्ध दोनों, अंदर एक विभीषण, एक बाहर भी। हो रहा छणिक है, भय साथ ही साहस भी, जीत लूं मैं लंका दोनों, राम बन मैं, रावण भी। शंका बड़ी है, जीवन साथ ही मौत का अट्टहास भी, युद्ध क्षेत्र है दोनों, नायक मैं, प्रतिनायक भी।

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