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दोस्तों, काबे पर मौजूद इन दरारों को साऊधी गवर्नमेंट भरते भरते ठक डई. लेकिन ये दरारें आज भी वैसी की वैसी हैं. इन दरारों को भरने के लिए तरह-तरह के केमिकल्स और दुनिया भर के बहतरीन इंजीनियर्स को बुलाया, मगर जैसे ही इंजीनियर दीवार पर केमिकल्स लगाते और अगले दिन आकर देखते तो उन्हें दरारों में कोई फर्क नजर नहीं आता. और उसके बाद इंजीनियर्स ने इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की, जिसमें उन्हें पता चला कि जब खांदान कुरैश से हजरत अली की अम्मीजान काबे के इस हिस्से के पास आई, तो काबे ने आपको अंदर जाने का रास्ता दे दिया था. और काबे के अंदर हजरत अली की पैदाईश हुई. जब इंजीनियस को ये बात पता चली, तो वो ये कहकर काम को छोड़ गए, कि जो रास्ता खुदा खोलता है, उसे इंसान बंद नहीं कर सकता। अल्लाहु अक्बर। दोस्तों, काबे पर मौझूद इन दरारों को साऊधी गवर्नमेंट के लिए जब इंजीनियस को ये बात पता चली, तो वो ये कहकर काम को छोड़ गए, कि जब इंजीनियस को ये बात पता खोलता है, तो वो ये कहकर काम को साऊधी गवर्नमेंट