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सोने के ठीक पहले की जाती है, आराम से बैठ जाएं, अपनी आखें अलके से बंद कर लें, विनम्रता और प्रेम के साथ मन में प्रार्थना को धीरे धीरे दोहराएं, हे नात, तुही मनुश्य जीवन का वास्तविक थे है, हम अपनी इच्छाओं के वोलाम हैं, जो हमारी उन्नती में बाधक है, तुही एक मात्र ईश्वर एवं शक्ति है, जो हमें उस लक्ष तक ले चल सकता है, हे नात, तुही मनुश्य जीवन का वास्तविक थे है, हम अपनी इच्छाओं के वोलाम हैं, जो हमारी उन्नती में बाधक है, तुही एक मात्र ईश्वर एवं शक्ति है, जो हमें उस लक्ष तक ले चल सकता है, इसके असली भाव पर दस से पंधरह मिनट ध्यान करें और इसमें दूप जाएं, शब्दों में छिपे भाव को स्वयम में उतरने दें और इस प्रार्थना पूर्ण भावना में लीन हो जाएं, प्रार्थना के तुरंद बाद सो जाएं, सुबह के ध्यान के पहले इसी प्रार्थना को अपने मन में केवल एक बार कहा जाना चाहिए, प्रार्थना के साथ दिन का आरम्ब और समाप्ति करना स्रोत के साथ हमारे जुड़ाव को पूरे दिन और रात बनाय रखता है। प्रार्थना के साथ दिन का आरम्ब और समाप्ति करना स्रोत के साथ हमारे जुड़ाव को पूरे दिन और रात बनाय रखता है।