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हाँ तो महाराणी हो गया पैसो का इंटिजाम। याद है न हमने दामाद जी को कार खरीद कर देने का बादा किया था। कहते हुए सभीता देवी जो महाजन खांडाइन की करता धरता थी अपनी बहू हीर के कमरे के अंदर आने लगी। सभीता जी की आवाद सुनते ही हीर जो उस वक्त आफिस जाने के लिए तैयार हो रही थी और अमित वहां बैठा आफिस की फाईल देख रहा था। उन दोनों ने एक दम से पलड़ते हुए कहा अरे मा आप। कहते हुए अमित ने अपनी फाईल वही छोड़ी और अपनी मा की तभी मिलेंगे जब तुम मेरे डमाद की कार ख़रीदने के लिए पंधरा लाख का इंतिजाम करोगी वरना तुम्हें पता है मैं क्या कर सकती हूँ। ये सुनकर हीर थोड़ी सहमी हुई अवाद में बुली पर मम्मी जी आप जानते हैं की जब तक बाबा थे तब तक आ� वो मैं नहीं बेच सकती उनकी आखरी निशानी है सवीता को हीर के मूँसे ना सुनना पसंद नहीं था उसने अपने बेटे अमित को देखा और कहा अपनी बीबी को समझा दे मुझे अपनी बेटी की शादी नहीं तड़वानी है पैसे तो किसी भी हाल में लाने ही होंगे अबी भी अमित अपनी मा के आगे कुछ नहीं बोल सका उसे ऐसा चुप देखकर सवीता जी मुश्कुराते हुए हीर की तरफ देखकर वहाँ से चली गई जैसे वो यही चाहती थी अमित अपनी मा का आगे कारी बेटा था उसकी मा अगर उसे आख बंद करके दिन को रात मानने को कहती तो वो चुप चाप उसे रात मान लेता था लेकिन इतनी बड़ी बात पर भी उसे चुप देखकर हीर का तो जैसे दिल ही तूट गया और उसकी आखों से आशु बहने भी नहीं बचे थे और अब ममी जी हमारे जिस्ते को तोड़ने तक आ गई है और तुम अभी भी चुप हो अमित की खामोशी हीर को चुब रही थी उसने अपने आशु पोजते हुए कहा मैं क्यों बार-बार तुम से उमेद करती हूँ कहकर हीर वहां से रोते हुए अपन पापा के जाने के बाद उन्होंने अकेले मिठाई के बिजनस को संभाला हमारी परवरिश की हीर ने अमित को आगे बोलने से रोक दिया और कहा अमित ये बात तुम मुझे हजारों बार सुना चुके हो और मैं ही उमेद कर लेती हूँ कि एक दिन तुम मुझे बेटा नही मा अगर ये हीर पैसे नहीं लाई तो आप यश को कार कैसे ला कर दोगे इस पर सवीता जी ने अपनी बेटी मलिका को समझाते हुए कहा तो चिंता मत कर अगर वो पैसे नहीं लाई तो उसे आज राथ ही धखे देकर इस घर से बाहर निकार दोगे हा मा अगर ये चली गई उन्हें वुस्से और शौक में देख रही थी मलिका के मूँ से अमित की दूसरी शादी की बाते सुनकर हीर को और भी ज़्यादा बुरा लगा और उसके आंसू ठमने का नाम ले ही नहीं रहे थे और वो बिना कुछ कहे ही आफिस के लिए निकल गई हीर बहुत परिशान � देखो मेरा आज पहले ही मूड बहुत खराब है पिराल तुम जाओ यहां से यह सुनते ही प्रिया मुश्कुराते हुए कुछ बोलने ही वाली थी के दभी पास वाली डेस्क पर बैठे मिस्टर मीर चंदानी सिंधी में बोले वड़ी साई आज तुम हैतरी देर से क्य वो सीधे मिस्टर विवेक के आफिस तक चली गई और दरवाजे पर नौक करते हुए बोली तभी अंदर से आवाज आई यह सुनते ही हीर हिच्किचाते हुए अंदर गई लेकिन इससे पहले की मिस्टर विवेक कुछ बोल थे हीर ने एक पेपर उनकी डेस्क पर रख करते हुए अपनी सीट से उठते हुए बोले लॉन एपलिकेशन मैं तो तुम्हे आज ही जॉब से निकाल रहा हूँ और तुम लॉन की बात कर रही हो जॉब से निकालने की बात ने तो हीर के होशी उड़ा दिये इसलिए उसमें परिशान होते हुए पूछा क्या सर आप पिछले महीने आपकी वज़र से हमारी कंपनी को इतना बड़ा ओर्डर नहीं मिला कितना बड़ा लॉस हुआ इसलिए इस जॉब पर तो हम आपको नहीं रख सकते गैट आउट इस तरह चिलाने की आवाज सुनकर पूरा स्टाफ मिस्टर विवेग के ओफिस के बाहरी कठ हाँ सर जी मैडम जी बिलकुर सच बोलती इसमें इनकी कोई गल्टी नहीं है मिर चंदानी को उसकी तरफ़दारी करते हुए देख मिस्टर विवेग ने घुसे से कहा तो मिस्टर मिर चंदानी अब तुम मुझे सही और गलत बताओगे लगता है आपको भी अपनी नोकरी वो घुसे में पैर पटकते हुए वहाँ से बाहर निकल गई और अपनी डेस्क पर जाकर अपना पर्स उठाते हुए प्रिया की तरफ देखते हुए बोली याद रखना प्रिया दूसरों का बुरा चाहने वाले लोगों के साथ कभी भी अच्छा नहीं होता इस वक्त ये सब क्या हो रहा है मेरे साथ मैंने तो सोचा था आज मिस्टर विवेक से लोन के लिए बात करके ममी जी को यश की कार के लिए पैसे दे दूँगी लेकिन अब कहां से लाऊँगी मैं पैसे और अगर आज उन्हें पैसी नहीं दिये तो पता नहीं वो क्या करेगी उन्होंन टेवल की तरफ जाकर वहाँ बैठने ही वाली थी कि तभी किसी ने जोर से चिलाते हुए कहा अरे ये कौन बीच में आ गया सारा वीडियो ही खराब हो गया मेरा वेटर क्या है ये वहाँ निकाली उस मैडम को पता नहीं कहा कहा से आ जाते हैं फटीचर लोग हीर ने सामने उस कैफे का मैनेजिर भी आ गया और बोला दक्यों मैडम आज फेमस यूट्यूबर डेनी सर का वीडियो चूट है इसलिए हम लोग किसी कस्तमर को सर्विस नहीं दे सकते आप जाये यहां से प्लीज इससे पहली की हीर कुछ बोलती उसके सामने खड़े 6 फिट लंबे ल मेरे आने से कोई पहाड नहीं तूट गया था जा रही हूं मैं कैफे से बाहर निकल कर थोड़ी दूर आते ही हीर परेशान होकर रास्ते में ही खड़ी हो गई कि थभी उसके फोन की घंटी बजी जिसकी आवाद सुनते ही हीर बड़बड़ाते हुए बोली अब कौन सी म� और आगे बढ़ गई लेकिन दो कड़म बढ़ाते ही फिर उसके फोन की घंटी बजी जिसे सुनकर हीर ने फोन पर रसीव का बटन डबाते हुए कहा हलो कौन बोल रहा है लेकिन उसकी बात पूरी होने से पहले ही फोन के दूसरी तरफ से किसी ने बड़े रोबिले अंद ये देखकर ही हैराणी से फोन की तरफ देखकर सोचने लगी ये इंटरनेशनल नंबर से मुझे कौन कॉल कर कैसी बाते कहे सकता है और वो कैसे मेरा नाम चानता है और उसने मुझे बार में आकर मिलने को क्यों कहा क्या सच मैं उसके पास मेरी हर मुसीवत का हल है ये सोचत बडबडाते हुए हेर वहाँ से उस बार में जाने के लिए निकल गई जैसे ही वो स्टार लाइन बार पहुँची तो एक मिनट के लिए अंदर कदम रखने से पहले उसके मन में खयाल आया मेरा जाना ठीक तो है न कहीं कोई गलती तो नहीं कर रही हूँ न लेकिन फिर न वो लोग उसे खा जाने वाली नजरों से देखने लगे उनकी उन भूर्ती हुई नजरों को देखकर हीर के कदम एक दम से लडखडाये जिसकी वज़र से वो गिरने ही वाली थी कि किसी ने उसकी कमर में हाथ डालते हुए कहा अरे मैडम जी जरह समभल कर बड़ी नाज पास ही खड़े दूसरे आदमी ने हीर की तरफ पानी का गिलास बढ़ाते हुए कहा लेजिये मैडम घबराये मत हीर ने जड़ से वो गिलास लेकर एक घूट में पानी पी लिया लेकिन उस वक्त उसके पास खड़े वो तीन चार आदमी एक दूसरे की तरफ शतानी मुस् कहकर उस आदमी ने हीर को गोद में उठाया और अपने तीन साथियों के साथ हीर को उस बार के एक कमरे की तरफ ले जाने लगा. कौन थे वो लोग? क्या उनोंने ही हीर को फसाने के लिए उस बार में बुलाया था? कैसे निकलेगी हीर इस मुसीवत से? क्या होगा हीर की ज