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This is a recitation of "Har Baat Ka Koi Jawab Nahi Hota" By the famous Indian poet and lyricist Gulzar Sahab. I fusioned it with another master piece, a song named "Aaj Jane Ki Zid Na Karo". Hopefully I did justice to them.
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This is a recitation of "Har Baat Ka Koi Jawab Nahi Hota" By the famous Indian poet and lyricist Gulzar Sahab. I fusioned it with another master piece, a song named "Aaj Jane Ki Zid Na Karo". Hopefully I did justice to them.
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This is a recitation of "Har Baat Ka Koi Jawab Nahi Hota" By the famous Indian poet and lyricist Gulzar Sahab. I fusioned it with another master piece, a song named "Aaj Jane Ki Zid Na Karo". Hopefully I did justice to them.
हर बात का कोई जवाब नहीं होता हर इश्क का नाम खराब नहीं होता यूतो जुम लेते हैं नशे में पीने वाले अगर हर नशे का नाम शराब नहीं होता खामूष चहरे पर हजारों पहरे होते हैं अस्ति आखों में भी जखं गहरे होते हैं जिन से अक्सर रुठ चाते हैं हम असल में उन से ही रिष्टे गहरे होते हैं किसी ने खुदा से दुआ मांगे दुआ में उसने खुद की मौत मांगे खुदा ने कहा मौत तो तुछे देदू मगर उससे क्या कहो जिसने तरी जिंदिकी की दुआए मांगे हर इंसान का दिल बुरा नहीं होता हर एक इंसान बेवाफा नहीं होता बुजजाते हैं दिये कभी तेल की तमीजे हर बार कसूर हवा का नहीं होता मर जाएंगे हम तो लुट जाएंगे ऐसी बातें किया ना करो