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सबंदरी तरीख का सबसे बड़ा वाक्या टाइटैनिक जहास के साथ पेश राया। इसकी बालेक का ये कहना था कि ये जहास कभी भी नहीं डूप सकता। लेकिन वो अपने पहले ही सफर में मुसाफिरों को उनकी मंजल तक पहुंचाना न सका। टाइटैनिक के डूबने की सबसे बड़ी वचा बर्फानी चिटानी थी जिससे जहास की तक्कर हुई जिसके रतीजे में 1500 से जाहिद मुसाफिर और अमले के लोग एटलांटिक ओशन में डूब कर मर गए। जिह आज से तक्रीबं 113 साल की बात है जब योरफ से अमरीका तक जहास चराने वाली दो बड़ी कंपनियों के दर्बियान मुकाबला था एक कंपनी का नाम वाइट स्टार दूसरी कंपनी का नाम कुनर्ड लाइन था टाइटैनिक वाइट स्टार की मलकियत था वाइट स्टार लाइन को 1850 में काइम किया गया कुनर्ड लाइन के जहास सबसे तेज रफतार थे उनके मुकाबले में वाइट स्टार ने ऐसे जहास बनाए जो दूसरों की निसबस ज्यादा बड़े थे इसमें तमाम सुहूलत मौझूद थी ताक इसमें ज्यादा से ज्यादा अमीर लोग बेट सके उस जहास को बनाने के लिए तीन साल लगे उसके एपनदाई डिजाइन में 32 वाइफ बोर्ड्स की गुंजाइश रखी गई लेकिन बाद में उससे बहुत मैफूस जहास समझ कर ये तादाद 20 कर दिगई दोस्तों कश्टियों के इतादाद कम होने की बड़ी भजा जहास की डेकुरेशन में इजाफा करना था टाइटैनिक चहाज 884 फूट लंबा और 174 फूट उंचा था ये दुनिया का पहला ऐसा जहास था जिसमें लाइब्रेरी और तफ्री की दीगर चीजे भी मौझूद थी टाइटैनिक ने अपना पहला सफर 10 अपरेल 1912 को इंग्लिन के शहर साउथ आम्टन से शुरू किया जिसकी मंधन अमरीका का शहर न्यू यौर्ग थी दोस्तो जहास के तमाम मुसाफिर दुनिया के सबसे बड़े और महंगे जहास में सफर करने के लिए बहुत खुश दिखाये दे रहे थे तमाम मुसाफिर उड़े जहास में हाथ हिला कर साउथ आम्टन हौरबर पर खड़े अपने दोस्तों और रिश्ठिदारों को अलविदा कहा यू टाइटैनिक जहास और तमाम मुसाफिर अपनी जिंदगी के आखरी सफर पर रवाना हुए उपर नीला आसमान था और निचे नीला समंदर जिसे जहास के तमाम मुसाफिर लुट्स अंधोज हो रहे थे लेकिन उस वक्त कोई नहीं जानता था कि चंद दिनों बाद ये जहास डूबने वाला है ये टाइटैनिक जहास की पहली राथ थी बहुत से मुसाफिर राथ के खाने के बाद अपने अपने कैबिन में चले गए कुछ सोच चुके थे और कुछ किताबे पढ़ने में मस्रूफ थे जैसे जैसे राथ बढ़ती जा रही थी, मोसम भी ज्यादा ठंडा होता जा रहा था जहास अपने फुल स्पीड के साथ आगे बढ़ता जा रहा था 11 अपरेल 1912 की दुपहर 12 बचके 30 मिनट का वक था टाइटैनिक कई गंटे की मुसाफ़त के बाद आयन लेंड में कुईंस टाउन पहुँच गया और यहां देड गंटे का सेय किया यहां से भी कुछ मुसाफरों ने इस बतकिस्मत चाहाज में बेट कर अपनी जिंदगी का आखरी सफर शुरु किया 11 अपरेल 1912 की शाम समंदर में खामोशी छा गय थी टाइटैनिक पिछले तीन दिनों से अमेरिका की तरफ बढ़ता चला जा रहा था जहां से नसर आते हुई शाम की आखरी उदास रूषनिया तेजी से गाएब होती जा रही थी दोस्तु नार्थ एर्मान्टिक सी में बरिस की ऐसे चटाने भी माउजूद हैं जो के बहरी जहाजों को तबा करने का सबब बनती है इसी रात कुछ किलमीटर पर चलते जहाज ने बर्फानी चटान के बारे में 5-6 बार इतिला दी इस अगाही को अपरेटर ने ना सिर्फ इगनोर किया बलके पेगामात भीचने वाले अपरेटर को सखती से डांड भी दिया आदी रात का वग था जहाज उस वग बर्फानी चटान के बिलकुल करीद था उस चटान के बारे में कैप्टन एडवर्ट स्मिथ को उस वग पता चुरा जब जहाज के पहरेदारों ने इतिला दी कि चहास के आगे एक बर्फानी चटान है लेकिन तफ तक बहुत देर हो चुकी थी कैप्टन एडवर्ट स्मिथ ने चहास का रुख बदलने का हकम दिया लेकिन उसके स्पीर्ट ज्यादा और चटान का वास्तव कम था चहास का रुख बदला तो गया लेकिन फिर भी एक साइड चटान से तकरा कर तूट गई और तेजी से चहास में पानी आना शुरू हो गया जब कैप्टन को खतरे का एहसास हुआ तो उसने वाइरलिस पर मदद माँगना शुरू की तहरीक की मताबिक उस चटान के बारे में पहले सही इत्तिला देने वाला एक नामालुम चहास टैटेनिक के करीब ही सफर कर रहा था और वो मदद के लिए पहुंच भी सकता था लेकिन वो अपरेटर की बत्तबीजी की बाद से चुप रहा और टैटेनिक की मुसाफिरों और अमले को उस कहरे समंदर में डूबने के लिए अकेला छोड़ दिया जब कैप्टेन एडवर्ट स्मिथ को अंदाजा हुआ कि चहास डूबने वाला है तो उसने फ़रण हुकम दिया कि जान बचाने वाली कष्टियों को जल्दी उतरा जाए सब मुसाफिरों को अपनी मौद सामने दिखाई दे रही थी उस अफरा तफरी के आलम में तमाम मुसाफिर लाइफ बोर्स में जाने की कोशिश में थे टैटेनेक पर 20 जान बचाने वाली कष्टियां मौझूद थी बारा बच के 45 मिनट पर पहले कष्टी को समंजर में उतरा गया उन कष्टियों की बदल से 1100 लोगों की जान बचाई जा सकती थी लेकिन अफरा तफरी के उस आलम में तकरीबं 700 लोगों तक की जान बचाई जा सकी जहास का मालिक थामे सिन्री भी जहास में मौझूद था जोके एक बहुरूर और बुसदल इनसान था वो डूपते हुए जहास में सैंक्रों मुसाफिरों को छोड़ कर एक कष्टी में भाग निकला दोस्तो जहास आयस्ता आयस्ता नीचे जा रहा था जहास की तमाम रोष्णियां बुच चुकी थी जहास तूट कर दो हिस्सों में तक्सीम हो गया था दो गंटे चारीस मिनट में जहास मुकम्म तोर पर पानी में डूप गया और पंधरां सो से जायद लोग एटलांटिक ओशन के थंडे पानी में डूप कर मर गये कैप्टिन एड़वर्ट स्मिद् अमले के साथ खवातीन और बच्चों को बचाने में लगा था इसलिए जिन्दा बचने वानों की तादाद बच्चे और खवातीन की थी वो आखरी आदमी था जिससे जहास से चरांग लगाई और एक किष्टी के जानेब लबका लेकर इससे चंद मुसाफिरों ने कहा कि कष्टी पहले ही ओवर लोड है तो कैप्टन स्मिथ ने चवाब में कहा ओवर लोड है कि कष्टी पहले ही ओवर लोड है ये दूआ देती हुए कैप्टन स्मिथ ने कष्टी को छोड़ दिया उन मुसाफिरों को बचाते बचाते अपनी जान भी दे दी इस हादेशे के बाद बहुत से कानून नाफिस किये गए ता कि आएंदा किसे भी हादेशे में ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाए जा सके यदि जहास में इतनी कष्टिया हों कि तमाम मुसाफिरों की जान बचाए जा सके मुझेस दोस्तो टाइटेनिंग चहास आज भी समंदर की गहराई में पढ़ा है इस तक पहुँशने के लिए आपको 4 किलोमेटर गहराई में जाना होगा इस बदकिस्मत चहास के बारे में डिस्कवरी 1985 में जानी जहास के डूबने के 73 साल बाद ममकिन हो पाई उम्हेद है आपको ये वीडियो पसंद आई होगी वीडियो अच्छी लगी हो ते से लाइक कीचे, शेयर कीचे मिलते हैं अकली वीडियो में