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Record_2024-12-21-15-47-17

Record_2024-12-21-15-47-17

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क्या हुगा अगर आपको पता चले कि आपके जीवन की सबसे बड़ी समस्या का समाधान एक पुरानी किताब में छिपा हैं लेकिन उस किताब तक पहुँचना इतना खतरनाग है कि अब तक जिसने भी कोशिश की वो वापस नहीं लोटा ये कहानी एक साधारन दंपती की हैं जिनके तूटते रिष्टे ने उन्हें उस रहस्यमाई किताब को ढूनने पर मजबूर कर दिया परन्तु सवाल ये है क्या वे सच में किताब तक पहुँच पाएंगे और अगर पहुँच गए तो क्या वे जान पाएंगे कि वह सच है या केवल एक भ्रम क्या ये किताब उनके रिष्टे को बचा पाएगी या उनकी जिन्दिगी को हमेशा के लिए बदल देगी और सबसे बड़ा सवाल क्या वे इस सफर से लोड भी पाएंगे ये कहानी शुरुआत होती है एक शादी से दीपक और कविता की शादी इन लोगों की शादी को आठ साल हो चुके थे उनके रिष्टे की शुरुआत बेहत खुबसूरत थी लेकिन जैसे जैसे समय बीता जिम्मेदारियों और उम्मीदों के बोज ने उनके रिष्टे को कमजोर कर दिया अब वे दिन भर लड़ते � बारे में पता चला कहानी थी एक आखिरी ग्रंध की जिसे पढ़ने के बाद किसी भी समस्या का समाधान मिल जाता है लेकिन साथ में यह भी कहा गया था कि उस ग्रंध को पाने की कोशिश करने वाला हर इंसान या तो गायब हो गया या उसने अपना सब कुछ को दिया दीपक को यह कहानी बकवास लगती है सोच कर देखिये अगर आप से कोई ये कहें कि इसको खाने से आपकी बीमारी ठीक हो जाएगी फिर थोड़ी ही देर में ये बोले कि जो भी इस चीज़ को खाया वो जिन्दा भी नहीं रहा क्योंकि किसी को ये चीज़ सूट ही नहीं की क्या इतना सुनकर आप उस चीज़ को खाना चाहेंगे दीपक को ये सब सुनकर बिल्कुल भी बकवास लगा लेकिन जब उस ने अपनी पतनी कविता को इसके बारे में बताया तो कविता ने इसे गंभीरता से लिया उस ने कहा अगर हमारे रिष्टे को बचाने का कोई भी तरीका है तो हमें इसे आजमाना चाहिए दोनों ने बिना किसी से कुछ बताए उस ग्रंथ की खोज में निकल पड़े ग्रंथ तक पहुँचने का रास्ता गाँ के पास एक धने जंगल से होकर गुजरता था स्थानिये लोग उस जगह को शापित जंगल कहते थे लेकिन दीपक और कविता ने ठान लिया कि वे इस रास्ते पर चलेंगे चलते चलते अंधिरी रात में जब दोनों जंगल के अंदर गए तो हर ओर सिर्फ सनाटा और अजीब आवाजनें सुनाई दे रही थी उन्होंने रास्ते में एक पुराने मंदिर के खंडहर देखे वहां की दीवारों पर अजीब आकृतियां और संस्कृत में कुछ लिखा हुआ था कविता ने गौर से देखा और पढ़ा जिस पर लिखा था सत्य की राह कठिन है लेकिन जो सत्य को पाता है वह अमर हो जात करना पड़ा कुछ समय के लिए लगा कि किसी ने उनके नाम पुकारे लेकिन जब उन्होंने मुड़कर देखा तो वहां कोई नहीं था जाडियों में कुछ हिलता डुलता दिखा पर पास जाने पर कुछ नहीं मिला अचानक से कविता के पैर में ठोकर लगी और उसने देखा कि वहां एक तूटी हुई माला पड़ी थी कविता ने कहा ये माला किसी आद्मी के अंथ की कहानी बता रही है हमें वापस चलना चाहिए कविता काफी लेकिन दीपक ने जवाब दिया नहीं अब हम इतनी दूर आ चुके हैं हमें अपनी मंजल तक पहुँचना होगा धंटों की मशकत के बाद उन्हें एक पुरानी हवेली नजर आई दोनों वहाँ पर जाते हैं हवेली के दर्बाजे पर खून जैसे लाल रंग से लिखा थ दीपक और कविता दोनों इतना डर जाते हैं कि दोनों का हिम्मत नहीं होता कि अंदर जाएं लेकिन दीपक ने हिम्मत जुटा कर दर्बाजा खोला जैसे ही दर्बाजे से अंदर गया तो देखा कि अंदर भूप अंधिरा था दीवारों पर कुछ पुरानी तस्वीरें लड़की थी जो दिखने में बेहत डरावनी थी अचानक से एक पुरानी घड़ी की आवाज उस हवेली में गूंजने लगी अब दोनों का मकसद था उस ग्रंथ की खोज करना इतनी बड़ी हवेली में वह कहां होगा दोनों ग् मीच एक बड़ा सा चबूत्रा था और उसके ऊपर वही ग्रंथ रखा हुआ था दीपक और कविता ने ग्रंथ की ओर कदम बढ़ाये जैसे ही दीपक ने ग्रंथ को छुआ एक तेज रोष्णी से पूरा कम्रा भर गया अचानक से हवेली की दिवारें हिलने लगी ग्रंथ खुल गया और उसकी पन्नों पर लिखी बातें बोलने लगी उसमें लिखा था हर समस्या का समाधान बाहर नहीं आपके अंदर है आपके रिष्टे की सबसे बड़ी ताकत आपका विश्वास है दीपक और कविता को समझ आया कि उनकी समस्याओं का कारण बाहरी नहीं बलकि उनकी खुद की गलत फहमिया थी लेकिन तभी हवेली में अचानक से दरवाजे बंद हो गए और एक गूंचती हुई आवाज आई जो भी इस ग्रंथ को पाता है उसे एक तीमत चुकानी पड हुआ कि वे अपने रिष्टे को बचाने के लिए हवेली को अपना कुछ देना होगा कविता ने कहा अगर हमारी गलतियों की सजा है तो मुझे मनजूर है दीपक ने जवाब दिया हम दोनों ने गलतियां की हैं अगर कोई कीमत चुकानी है तो हम दोनों मिलकर इसे चुकाएंगे जैसे ही उन्होंने यह बात कही हवेली की दीवारें स्थिर हो गई दर्वाजे खुल गए और एक शांत माहौल बन गया ग्रंथ की आखिरी पंक्ती में लिखा था जो त्याग और विश्वास का रास्था अपना आता है वही सच्चा प्रेम पाता है दोनों के अंदर का डर खत्म हो जाता है हवेली से बाहर आते हैं और अपने घर जाते हैं ग्रंथ में लिखी बात को अपने रिष्टे के साथ रखते हैं दीपक और कविता ने महसूस किया कि उनका रिष्टा पहले से कहीं मजबूत हो गया है उन्होंने सीखा कि हर रिष्टे में कठिनायां होती है लेकिन सच्च हर समस्या का समाधान हमारे भीतर ही छिपा होता है अगर आप अपने रिष्टे को बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले एक दूसरे पर विश्वास करना सीखें और एक दूसरे का विश्वास जीतें रिष्टे में कुछ बातें और कुछ गलतियाओं को नजरंदास करना प� पर विश्वास करने के लिए अगले वीडियो को लाइक करके चैनल को सबस्क्राइब करें और हमारे चैनल से जोड़े रहें चलिए मिलते हैं अगले वीडियो में एक और जबर्दस्त कहानी के साथ तब तक खुश रहें और सीखते रहें

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TitleRecord_2024-12-21-15-47-17
AuthorPk
CategoryVoice Over
Duration08:10
FormatAUDIO/MPEG
Bitrate64 kbps
Size3.93MB
Uploaded22 Dec 2024

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