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Jaya is surprised to see Disha wearing a bindi and asks if she knows Jaya doesn't wear it. Jaya later tells Akhil about Disha wearing a bindi and Akhil appreciates Disha's actions. Akhil wants to confess his love for Jaya but she gets upset and doesn't give him an answer. Jaya starts making mistakes at work and her boss asks if something is wrong. Akhil calls Jaya and asks if she likes him, but Jaya avoids giving a direct answer. Akhil calls again and asks her to answer with a simple yes or no. The answer is revealed in the next episode. अब तक आपने सुना कि जया ओफिस के लिए निकल रही थे और दिशा ने उसका रास्ता रोग रखा था. आगी क्या होता है ये जानते हैं आज इस कहानी के छोथे सी भाग में. तो बड़ते हैं कहाने की तरव. जया आश्चरे से दिशा की तरप देखते हैं वे. दिशा, तु जानती है ना कि मैं बिंदी नहीं लगाती? दिशा, पहले देखो तो शही, ये चोटी से बिंदी है ममा, और तु इशे लगा भी सकती है. रूप जया ने फिर खुद को आईने में देखकर और दिशा की तरप देखते हुए, दिशा, सब क्या बोलेंगे बेड़ा? दिशा ममा को बाहों में भरकर, कोई कुछ नहीं बोलेंगे ममा, तुम ऐसे ही जाओ आफिस, लेइस. दिशा की गाल में हाथ थप थपाते हुए, उन नि देख, बात बनाने का मौका नहीं छोड़ते. रात को जया ने अखिल को दिशा ने जीस तरह से उसे बिंदी लगाई, उसके बारे में बताया. आफिस में कुछ एक की नजर, क्या कह रही थी, उसे भी बताया. लेकिन अखिल ने उसे फिर हिमत रखने को कहकर, दिशा ने जो भी किया, उसकी तारिफ करने लगा. इदर उदर की बाती होने के बाद, अखिल, जया, तुम्हें कभी मन नहीं हुआ मुझे देखने का? अखिल की अचानक से पुछे इस प्रशने का कोई उत्तर नहीं था जया के पास. जय अखिल फोन कट कर देता है, लेकिन जया को बेचान छोड़ देता है. जया उसे कैसे बताती कि उसका भी मन होता है अखिल को देखने का? लेकिन चाहा कर भी, वो ऐसा नहीं बोल सकती. वो अखिल का साथ तो खोना नहीं चाहती, लेकिन अखिल को पाने का भी नहीं सोच सकती भी तो अखिल जया की कुछ बाते सुन बिल्कुल खामोश हो जाता है, जैसे अपने भीतर दर्द को बड़ी आसानी से छुपाने की कोशिस करता है. कितनी ही बार दोनों के बीच ब्लॉक और अन्ब्लॉक का खेल हो चुका है कि दोनों ने गिंति करना ही छोड़ दिया और हर बार पहल अखिल ही करता है, ये बात अप तक जया भी समझ चुकी थे. एक दिन अखिल जो आज कुछ सोच कर रखा था कि आज वो जया को सब बता देगा कि वो उसे प्यार करने लगा है और उसने हिमन दिखाई. जया, एक बात है जो मैं बहुत दिन से सोच रहा हूँ, तुम्हें बता दू? अखिल की इस तरह सिरियस बात सुनकर आने वाले पल जया, मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ और तुमसे एक बात भी छुपाई है मैंने. छुपानी की बात सुर्ग जया थोड़ा सक्ते में आ जाती है. क्या छुपाया है तुमने? कौन हो तुम? अखिल जया को घब्राते हुए देख, चिंता मत करो, मैंने जो अपने बार जया काफी ध्यान से अखिल की बाते सुन रही थी. जया को चुप देख कर फिर से अखिल, जया, मैं अग तुमसे प्यार करने लगा हूँ और मैं तुम्हे अपनी तस्विर बेज रहा हूँ, पहले उसे देख लो. ये कहकर वो फोन कर देता है और जया को अपनी तस्विर स बेज रहा हूँ, उसे तो अन्दाजा होई थे न था कि अखिल कुछ ऐसा ही बोलना चाहता है. इसलिए वो हमेशा किसी न किसी रूप से हमेशा बात को घुमा दिया कर दी थी. अखिल का ध्यान दुसरे तरफ कर दे दी थे कि अखिल जैसे ये न कह पाए. लेकिन आज अख का फोन आ जाता है. तस्वीर देखा तुमने? जया अब थोड़े बुस्से में. ये कप की तस्वीर है? जया की गबिटा को समझ कर अखिल. ये रिसेंट पीक है मेरी. जया, तुमने कभी बताया नहीं कि तुम मुझसे चोटे हो? मैं पादल तुम्हें समझ ही नहीं पाई? अखिल की बेतुकी हरकतों से बाज आकर जया, तुमने कैसे सोच लिया कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ? अखिल, तुम ओस्में तो हो, क्या बके जा रहे हो? अखिल जया की बात सुनकर थोड़े तौं में आ जाता है. तुम स्विवकार नहीं करना चाती, ये आइनक बात ह अखिल, अच्छा जया, एक बात का जवाब दोगी? जया गुस्से से, तं आ चुकी हूँ मैं तुम्हारे प्रश्नों से. जया को इस तरह बोलते देख, कुछ उदास सा हो गया था अखिल. जया, क्या तुम सच में मुझसे प्यार नहीं करती? अगर मेरी उम्रे तुम्हार पीछे हट जा रही हो? जया अखिल की बातों से तंग आकर, अखिल, इसका जवाब मेरे पास नहीं है, मैंने तुमने हमेशा से एक अच्छा दोस्ट देखा है. अखिल, अब तेज विखा देवे, मुझे ये सब नहीं सुनना, मुझसे प्यार है की नहीं, ये बताओ मुझ समय ऐसा होता है, ये अखिल किसी की बात को नहीं सुनता है, गुस्से में वो वही सुनना चाहता है, जो वो सुनना चाहता है, इसलिए बात को आगे ना बढ़ाते हुए, जया भी गुस्से में फोन कर्ट कर दिदी है, वो अब अखिल की कही सबदों को सोचने लगती है, औ बीन कहे उसकी हर फिलिंग्स को समझ लेता था, वो आखे बंद कर सोने की कोसिस कर रही थी, लेकिन नीन तो जैसे कुछ खोरनी से लगी थी, रह रह कर अखिल की फोटो उसके आखो के सामने खुमने लगी, ये भी ठीक था कि अखिल ने उसे अपनी दस्वीर सें करने के बा खिल उसे छोटा है, इतनी महीनों बाचित की दोरान उसे कभी भी उसकी बातों से नगा ही नहीं कि वो उसे छोटा है, और नाहीं आवाज से उसे कभी अनदाजा हुआ, ये सोचते सोचते काफी रात हो गई थी, फिर भी उसकी आखों से नेन गायब थी, ऐसे ही कई रात अ उसका ध्यान अखिल की बातों पर ही रहता, जो जया अपनी कामों को लेकर बहुत शुन्दर पढ़रसन करती थी, कुछ दिनों से उसकी कामों में गलती नजर आने लगी सबको, आजकल ओफिस में भी जया ही केंद्रिव बिज्णोगनी होई थी सबकी, लेकिन आज जब उस जया गई तो उसकी बॉस ने उसे बैटनों के कहा कर पूछने लगा, जया कुछ प्रॉबलम है क्या तुम्हें? बॉस का अचानक से इस तरह पूछे जाने पर, जया, क्यों सर, क्या बात है, आपने अचानक से ऐसा क्यों पूछ लिया? बॉस, जया मैं पिछले कई दिनों स जानता हूँ तुम्हें, इसलिए तुम्हारे रेपोडिशन को देखते हुए, अपने कमरे में गुला कर तुमसे बात कर रहो, अगर पड़िसान हो तो बोलो, मैं कुछ हिल्प कर सकता हूँ तुम्हें, जया, नहीं सर, मैं ठीक हूँ, और आगे से भी गल्टी का ध्यान र आखिरकार एक दिन अखिल्ड जया को फोन कर, जया, बहुत दिन हो गया, लेकिन तुमने मेरी बातों का कोई जवाब नहीं दिया, जया अब परिशान होकर उससे, अखिल्ड, छोरो न, क्यों ऐसी बाते करके हम दोनों का मूद आफ़ कर रहो तो, तुम जानते हूँ मुझ अखिल्ड अपनी जीत में रहता और जया अपनी, फोन कट करने के बाद भी कुछ टाइम बाद अखिल्ड फोन कर ही देता था उसे, ये बात जया भी अच्छी तरह से जानते थे, अखिल्ड बार बार उससे एके सवाल पुछने लगा, जया उसे इग्नोर करती रहे, ये ब अखिल्ड की बाते सुन जया, अब क्या है अखिल्ड, तुम्हें बीच-बीच में क्या हो जाता है? अखिल्ड, तुम मुझे आज फाइनली एक बाद बताओ, जया हाँ पूछा? अखिल्ड, क्या तुम मुझे पसंद करती हो की नहीं? अखिल्ड की इस प्रश्णे का जव बात को घुमाते हुए उसके पहने ही अखिल्ड, हाँ या ना? मुझे बस इन सब्दों में सुनना है. जया क्या जवाब देगे अखिल्ड को? ये जानते हैं नेक्ष्ट एपिजोग में. तो आज के लिए इतना ही. धन्यवाद.