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presenting Smita Bordoloi(RJ muskaan) in the drama narration .
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मिसिस मिलियनेर डिवार्स की धंकी हा तो महरानी पैसो का इंतज़ान हो गया याद है न हमने दामाद जी को कार खरीद के देने का बादा किया था कहते हुए सविता देवी जो महाजन खानदान की करता धर्ता थी अपनी बहु हीर के कमरी के अंदर आने लगी सविता जी की आवास सुनते ही हीर जो उस वक्त ओफिस चानी के लिए तैयार हो रही थी और अमित वहाँ बैठा ओफिस की फाइल देख रहा था उन दोनों ने एक तम से पलटते हुए कहा अरे मा आप कहते हुए अमित ने अपनी फाइल वही छोड़ी और अपनी मा की तरफ बढ़कर उनके पैर चुने लगा इस पर सविता देवी ने मुस्कुरा कर उसे आशिर्वात देते हुए कहा सदा खुश रहो जब की हीर जैसे ही सविता देवी के पैर चुने के लिए जुकी ही थी कि तभी एक दम से पीछे होते हुए सविता जी ने कहा तुम्हें आशिर्वात तभी मिलेंगे जब तुम मेरे दामाद की कार खरीदने के लिए पंधरा लाग का इंतजाम करोगी वरना तुम्हें तो पता है कि मैं क्या कर सकती हूँ ये सुनकर हीर थोड़ी सहनी हुई आवाज में बोली पर ममी जी आप चानते हैं कि जब तक बाबा थे तब तक आपकी सारी मांगे वो किसी भी हाल में पूरी करते थे पर अब वो आगे कुछ बोलती उससे पहले ही सविता ने उसे रोकते हुए कहा ये सिर्फ बहाना है अभी भी उनका बड़ा सा घर है उसे बेच दे और पैसे ला कर दे हीर ने भी उनकी बात को कारते हुए कहा वो मैं नहीं बेच सकती उनकी आखरी मिशानी है सविता को हीर के मूँसे ना सुनना पसंद नहीं था उसने अपने बेटे अमित को देखा और कहा अपनी बीवी को समझा दे मुझे अपनी बेटी की शादी नहीं तुड़वानी पैसे तो किसी भी हाल में लाने होंगे उसे अगर तुम्हारी बेहन का रिष्टा तूटेगा तो तेरा रिष्टा भी नहीं बच पाएगा आज मुझे पंदरा लाख चाहिए इतना कहकर वो जान बुचकर रुप गई सविता की बात सुनते ही हीर ने परिशान होते हुए कहा मम्मी जी आप ये क्या कह रही हैं सविता का ये रवय्या देखकर हीर ने अमित के तरफ उम्मीद भरी नजरों से देखा अभी भी अमित अपनी मा के आगे कुछ नहीं बोल सका उसे ऐसे चुप देखकर सविता जी मुस्कुराते हुए हीर की तरफ देखकर वहाँ से चली गई जैसे वो यही चाहती थी अमित अपनी मा का आग्याकारी बेटा था उसकी मा अगर उसे आँख बंद करके दिन को रात मानने को कह दे तो वो चुप चाप उसे रात मान लेता था लेकिन इतनी बड़ी बात पर वी उसे चुप देखकर हीर का तो जैसे दिल ही तूट गया और उसकी आँखों से आँसु बहने लगे उसने रूते हुए अमित से कहा अमित मुझे तुम से ये उमीद तो नहीं थे जब तक मेरे बाबा थे ममी जी की हर डिमान को उन्होंने हमारे रिष्टे को तोड़ने तक आ गई और तुम अपभी चुप हो अमित की खामोशी हीर को चुब रही थी उसने अपने आँसु पोज़ते हुए कहा मैं क्यों बार-बार तुम से उमीद करती हूँ? कहकर हीर वहाँ से रोते हुए अपना पर्स उठाकर कम्रे से बाहर जाने लगी तभी अमित ने उसे धीमी आबाज में कहा नहीं हीर ऐसा नहीं है उन्होंने गुसे में कह दिया होगा ये सब तुम जानती हो हो मुझे से कितना प्यार करती हैं उन्होंने मुझे और मलिका को बच्पन से कभी भी पापा की कमी नहीं होने दिया पापा के जाने के बाद उन्होंने अकेले ही मिठाई का विजनस संभाला हमारी परवरिश की हीर ने अमित को आगे बोलने से रोग दिया और कहा अमित ये बाद तुम मुझे हजारों बार सुना चुके हो मैं ही उम्मीद कर लेती हूँ कि एक दिन तुम बेटा नहीं पर पती बनकर मेरा साथ दोगे इस रिष्टे को अब मुझे ही बचाना होगा कहे कर हीर वहां से आंसु बहाती हुई बाहर निकल गई लेकिन जैसे ही वो अपने कमरे के बाहर निकल कर कॉरीडोर तक आई ही थे कि उसने मलिका को कहते हुए सुना मा अगर आज ये हीर पैसे नहीं लाई तो आप यशको कार कैसे लिकदेंगी इस पर सविता जी ने अपनी बेटी मलिका को समझाते हुए कहा तू चिंता मत कर अगर वो पैसे नहीं लाई तो उसे आज रात ही धक्के दे कर इस घर से बाहर निकल दूंगे हाँ मा अगर ये चली गई तो फिर तो आप दिवान साहब की बेटी रिया के साथ भाई की शादी कर सकती हो और फिर तो हमें बहुत सारा दहलेज भी मिलेगा ने कहकर वो हसी रही थी की उसकी नजर पीछे कड़ी हीर पर पड़ी जो बातें सुनकर उनहीं गुस्से और शौक में देख रही थी मलीका के मूँसे अमित की दूसरी शादी की बातें सुनकर हीर को और भी ज्यादा बुरा लगा और उसके आसु धमनी का नाम नहीं ले रहे अब आफिस चाकर मिस्टर विवेग से ही लोन की बात करनी पढ़ेगी यह सोचते सोचते वो अपने आफिस पहुंची तो अपनी चेर पर प्रिया को बैठे हुए देखकर वो हैरानी से बोली प्रिया प्लीज मेरी चेर से उठ जाओ देखो मेरा आज मूद पहले ही खरा� सिंधी में ही बोले वड़ी साई आज तुम हे तरी देर से क्यों आए हो वहां बॉस गड़ी देर से तुमारा इंतजार करता है जाओ जाओ जड़ी जाओ वो पहले से ही बहुत गुस्से में है यह सुनते ही हीर परेशान होकर बरबराई ओ नो अब मैं लोन की बात कैसे कर तभी अंदर से आवाज आई ये सुनते ही हीर हिच्किचाते हुए अंदर गई लेकिन इससे पहले कि मिस्टर विवेग कुछ पोलते हीर ने एक पेपर उनकी डेस्क पर रख कर उनकी तरफ पढ़ा दिया जिसे देखते ही मिस्टर विवेग ने हैरानी से पूछा ये क्या क्या तुम्हें आज इस जॉब से ही निकाल रहा हूँ और तुम लोन की बात कर रहे हो जॉब से निकालने की बात ने तो हीर के खोश ही उड़ा दिये इसलिए उसने परिशान होते हुए कहा क्या सर आप मुझे जॉब से निकाल रहे हैं लेकिन क्यूं मैंने क्या किया है मैं तो अपना सारा काम टाइम पर आप चाहे तो किसी से भी पूछ सकते हैं मैं अपना हर काम पूरी इमानदारी और मेनद से करती हूँ प्लीज सर ऐसा मत कीजिए मेरे साथ लेकिन मिस्टर विवेग भला उसकी ये बाते कहां सुनने वाले थे उन्होंने गुस्से से चिल्लाते हुए कहा सौरे मिस हीर पिछले महीने आपकी वज़ासे हमारी कमपणी को इतना बड़ा ओडर नहीं मिला कितना बड़ा लॉस हुआ इसलिए हम आपको इस जॉब पर � सर आप किसी से भी पूछ सकते हैं उस दिन मेरी कोई गलती नहीं थी मैंने उसकी बात पूरी होने से पहले ही मिस्टर मीर चंदानी आगे बढ़े और हीर का साथ देते हुए बोले हाँ सर जी मैडम जी बिलकुल सच बोलती है इसमें इनकी कोई गलती नहीं है मीर चंदानी को उसकी तरफ़दारी करते देख मिस्टर विवेग ने गुस्से से कहा तो मीर चंदानी अब तुम मुझे सही गलत बताओगे लगता है आपको भी अपनी नौकरी प्यारी नहीं है इस पर मिस्टर मीर चंदानी ने कहा अरे वडी साई हम तो बस ये लेकिन उनकी बात पूरी होने से पहले ही ने इमोशन्स को कंट्रोल करके उन्हें रोपते हुए कहा रहने देजी मिस्टर मीर चंदानी मैं जानती हूँ मुझे जॉब से क्यों निकाला जा रहा है कहकर वो गुस्से में पैर पटकते हुए वहां से बाहर चली गई और अपनी डेस्क पर जाकर अपना पर्स उठाते हुए प्रिया के तरफ देखते हुए बोली याद रखना प्रिया दूसरों का बुरा चाहने वाले लोगों के साथ भी कभी अच्छा नहीं होता इस वक्त ये तमाशा सारा ओफिस देख रहा था लेकिन किसी की हिम्मत नहीं थी कि प्रिया के खिलाफ कुछ भी बोल सके जब की हीर आसु बहाते हुए वहां से बाहर चली गई ओफिस से बाहर निकल कर थोड़ी दूर आते ही हीर एक मिलेट रुकी और अपनी आखें बंद करके लंभी सांस लेते हुए बोली ओफिस से बाहर निकल कर थोड़ी दूर आफिस से बाहर निकल करके लंभी सांस लेते हुए बोली वो कुछ सोचते हुए वहां से थोड़ी ही दूर एक कैफे की तरफ चली गई कैफे पहुंचते ही वो जैसे ही एक टेबल की तरफ जाकर वहां बैठने ही वाले थी कि तब ही किसी ने जोर से चलाते हुए कहा अरे ये कौन बीच में आ गया सारा वीडियो ही खराब हो गया मिरा वेटर क्या है ये सब बाहर निकली उस मैरम को पता नहीं कहा कहा से आ जाते हैं फटी सर से लोग हीर ने सामने देखा तो एक वेटर उसकी तरफ ही आ रहा था और इससे पहले कि वो कुछ समझ पाती वेटर ने उसके पाथ आ कर कहा मैरम सौरी आप यहां नहीं बैठ सकती आपको बाहर जाना होगा यह सुनते ही हीर ने चौक कर कहा यह क्या थरीका है अपने कस्टमर के साथ बात करने का तभी वहाँ उस कैफे का मैनेजर भी आ गया और बोला देखे मैरम आज यहां फेमस यूट्यूब और डैनी सर का वीडियो शूट है इसलिए हम लोग किसी कस्टमर को सर्विस नहीं � मैनेजर साहब जल्दी कीजे मेरे पास टाइम नहीं है निकालिये इसे यहां से अब हीर के सबर का बान तूट चुका था सब चगा इस तरह बेज़ती बरे लफ सुनकर काणों को चुबने लगे थे इसलिए वो चुप चाप वहां से बाहर जाते हुए बोली मेरे आने से कोई पहार नहीं तूट गया था जा रही हूँ मैं कैफे से बाहर निकल कर थोड़ी दूर आते हुए हीर परिशान होकर रास्ते में ही खड़ी हो गयी कि तभी उसकी फोन की खंटी बजी जिसकी आवास सुनते ही हीर बढ़बडाते हुए बोली अब कौन सी मुसीबत आनी वाली है ये सोचते हुए उसने जैसे ही अपने पर्स में से अपना फोन निकाला तो डिस्प्लेई पर एक एंटरनाशनल नंबर देखते ही उसने हैरानी से कहा ये विदेश से भला मुझे कौन कॉल कर रहा है बता नहीं कौन है कहते हुए उसने बटन दबाते हुए कहा हेलो कौन बोल रहा है लेकिन उसकी बात पूरी होने से पहले ही फोन के दूसरी तरफ से किसी ने बड़े रोबीले अंदाज ने कहा मिस हीर अगर आप अपनी हर परेशानी का सलूशन चाहती है तो स्टालाइड बार में अभी पहुंच जाएए वहाँ वरुं चडडा नाम का इंसान आपको आपकी हर मुसीबत से छुटकारा पाने का राफता देगा ये सुनते ही हीर ने हैराणी से पूछा लेकिन आप लेकिन तब तक फोन कर चुका था ये देखकर हीर हैराणी से फोन के तरफ देखकर सूचने लगी ये इंटिनैशनल नमबर से मुझे कौन कॉल करके ऐसी बात कर सकता है और वो मेरा नाम कैसे जानता है और उसने मुझे उस नमबर पर फिर से कॉल लगाया लेकिन दो तीन बार ट्राइ करने के बाद भी वो नमबर नहीं लगा ये देखकर हीर गुस्से से बढ़बडाई लगता है मेरी परेशानियों का कोई मज़ाग उडा रहा है चलकर देखते हैं आखिर है कौन उस बार में बढ़बडात पर फिर नजाने क्या सोचकर वो अंदर चली गई हीर देखने में खुबसूरत तो थी ही लेकिन उसकी साद्गी उसे बाकी लड़कियों से बिल्कुल अलग दिखाती थी जो उसकी खुबसूरती में चार चान लगा देती थी और शायद इसी लिए उस बार में मौझूद कि किसी ने उसकी कमर में हाट डालते हुए कहा अरे मैडम ज़रा समल कर बड़ी नाजुक कमर है कहते हुए वो आदमी हीर को वापस उठाते हुए उसकी तरफ देख ही रहा था कि तभी हीर ने बिच बिच आते हुए उस आदमी का हाथ अपनी कमर से हटाया और ठीक से खड़े होने लगी धर के मारे हीर के माथे पर पसीना साफ नजरा रहा था तभी वहाँ पास ही खड़े दूसरे आदमी ने हीर के तरफ पानी का गलास बढ़ाते हुए कहा लीजे मैरम घवराये मत हीर ने चट से वह पानी का गलास लेकर एक ही घूट में सारा पानी पी लिया लिकिन उस वक्त उसके पास खड़े वो तीन चार आदमी एक दूसरे के तरफ शैतानी मुस्कुराहत के साथ देखने लगे अगले ही पल हीर अपने सर पर हाथ रख कर नीचे गिरती हुए बोल कहा अरे रे मैडम अभी आपको कुछ नजर नहीं आएगा कहकर उस आदमी ने हीर को गोद में उठाया और अपने तीन साथियों के साथ हीर को उस बार के एक कमरे के तरफ ले जाने लगा कौन थे वो लोग ज्या उन्होंने ही हीर को फसाने के लिए उस बार में बुलाया कि उस बार के लाएगे वो अखिर इतनी बड़ी रकम जानने के लिए सुनते रहें मेरी कहानी सिर्फ पॉकेट एफम पर