Details
Nothing to say, yet
Details
Nothing to say, yet
Comment
Nothing to say, yet
अपना क्या है हम तो पंदे ही हैं उड़के जहां मिलेगा प्लार हम वही पे दिल लुटनेंगे हमसे क्या ही पाओगे तुम दिल दुखा के हम तो इसकी भी नसन बना के प्यार लुट जाएंगे तीन नशित प्यार एक और जुड़ गया है तरक के कैती राजा मुझ को ले के उड़ गया है कैती पकड में मैं ना आती अच्छे अच्छों के पर तुझ में ऐसा क्या है मेरा पूरा ध्यान मुड़ गया है अब कैती हार का जुआ भी चीते गा मैं लिख के देती हूँ जमाना थेरे लिए रुप गया है अगर पता चले फरक तो मर्ज कोसेगा मैं क्या ही दू दवा तो खुद जहर पी के उठ गया है