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Saturday at 4-54 pm (enhanced) new

Saturday at 4-54 pm (enhanced) new

Shashank Kumar

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नावल नाम का एक लड़का था। इसे भूतों के बारे में जानने का बड़ा शौक था। वह हमेशा भूतों और चुडायलों की कहानिया पढ़ता रहता था। वह यह जानना चाहता था कि भूत होते भी हैं या ये सब एक मनघरन कहानी है कि लोग बस एक दर का महाल बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि चुडायल होती है। वह यही सब पुछता रहता था। इस बात का पता लगाने के लिए उसने एक तरकीर निकाली। उसने अपने दर्च से कहा कि पास की एक कबरिस्तान में आज राट को हम दोनों चलेंगे और पूरी राट वहाँ जाग कर पता करेंगे कि चुडायल होती है कि नहीं। उसका दर्च साथ चलने के लिए तयार हो गया। लेकिन कबरिस्तान के बाहर ही रहने के लिए बोला। उसने बोला कि मैं कबरिस्तान के अंदर नहीं जाओंगा। राहुल राजी हो गया। जैसे ही रात हुई दोनों कबरिस्तान के पास पहुँच गया। राहुल अंदर � को कॉल किया। और उससे पूछा, भाई क्या चुडायल दिखी। राहुल ने जवाब दिया, नहीं भाई। इस पे उसके दोस्त ने राहुल को बोला, तू बाहर आ जा, हम घर चलते हैं। मुझे बहुत तेज़ से नेंद आई है। पर राहुल ने अपने दोस्त स कबरिस्तान के बाहर ही सो गया, और राहुल अंदर चुडायल का इंतिजार करने लगा। काफी समय चुडायल का इंतिजार करने के बाद, राहुल को नेंद आने लगी। राहुल वही सो गया। अभी राहुल कुछ नेंद में ही था, कि उससे वहाँ पे फावडे स नाश को बाहर निकाला, और जंगली जानवरों की तरह आवार्ज करके उस नाश को नोच नोच के खाने लगी। इतना भयानन नजारा देखके, राहुल के हाथ तैर कापने लगी। दर से वहाँ पे फावडे स नाश को बाहर निकाला, और जंगली जानवरों की तरह आवा राहुल पक्षीना पसीना हो गिया, और चुच्चात जाड़ियों में चुपा रहा, और हनुमान चालिका पढ़ता रहा। वे भगवान से बस यही मना रहा था कि वे भगवान आज बचालो, आज के बाद कभी भी कब्रिस्तान में नहीं आओंगा। काफी देज तक चु� राहुल का दोस्ट राहुल का हार चाल पुछने के लिए राहुल को कॉल करने लगा। कॉल की आवाज सुनते घी वाद चुरेल राहुल के तरब देखी। जाड़ियों में चुपे होने के कारण राहुल में सुचा चुरेल उसे देख नहीं पाएगी। पर ऐसा नहीं था और वो वहीं पर जम गया। चुरेल आराम से राहुल का हाथ पकड़कर अपने साथ ले जाने लगी। राहुल बिना किसी जरूरत के उसके साथ जाने लगा। और उस मुर्दे की लाश के बाहर फिर दिया। राहुल को उस कबर में दफन तरने के लिए राहुल के कबर के � वो चिलाते हुए वहाँ से भागने लगा। राहुल जिधर भी भागता चुरेल उसके साँने कहले गई मिलती। अब राहुल को उसकी मौस साँने नजरा रही थी। राहुल चिलाते हुए अपने दर्श की तरफ भागा। तभी राहुल की लावाज सुनके उसका दर्श की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज क की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज की लावाज क

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