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vrind ke dohe 7 se 10

vrind ke dohe 7 se 10

School DiarySchool Diary

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पहला पाठ वृंद का है। वृंद एक रीतिकालीन कवि थे जिन्होंने कुछ फुटकर रचनाएं भी लिखी थीं। उन फुटकर रचनाओं में इस बात का वर्णन है कि समाज में हमें किन-किन बातों पर अमल करना चाहिए जिससे समाज में हम एक संतुलित जीवन जी सकें। उनकी ये बातें या फिर जीवन जीने के जो तरीके हैं ये ऐसी बातें हैं जो सदियों से हमारे पूर्वज मानते रहे हैं और इन नियमों के हिसाब से उन्होंने अच्छी और संतुलित जिंदगी जी है। इस भाग में पद ७ से पद १० तक की व्याख्या है।

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