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नौकरी संबन्दित कारियर से लगबर हर रोज दिल्ली जाना होता था। पापसी पर मरुतिल के एक धापे पर रात्री बोज रेतू रुकता जरूर था। खाने का मेनु सेट था। हाफ दाल, तीन रोटी, एक प्लीच सलाद, दो कटोरी सफेध मक्खन और आकरी में खीर। लगबर हर रोज एक व्यक्ति मेरी टेबल पर आता और मैं उसे वही मेनु बताता हर रोज। बीटे कुछ दिनों से यह मुझे पूछने की जहमद भी नहीं करता कि साब आप क्या खाएंगे। मैं बैटता हूँ, सलाद परोस देता है और फिर एक एक करके बाकी की समगरी भी ले आता है। कल रात मैं धाबे पर आकर बैठा, फिर परीचित बंदु जो हर रोज आउडर लेता था भी कहीं दिखाई नहीं दे रहा था, मेरी नजरियों से तलाश रही थी। इतने में एक नौज ज़वान लड़का टेबल पर आया और बोला, बोला भी आज नहीं आया हैं, उनका तरबियत खराब था ना। मुझे नहीं पता था कि जिस व्यक्ति को मैं रोज खाने का ओर्डर देता हूँ, उसका नाम बोला है, आपका क्या नाम है। मैंने सामने � सरिवी कट काठी, तेल से चुप्रे कंगी किया हुए बाल, सबसे बड़ी बाद, उसके जूते चमक रहे थे, लग रहा था कि पॉलिश किये गए हैं। मैंने अपना मेनु बताने की शिरुवाद की ही थी, कि उसने मेरी बात काठेवे कहा, पता है सर, थारा सलाद, ढाल, म सर, दोंट माइंड, एक बेटर आप्शन है, मैं एक शन आवाख रहे गया, अरे, डोंट माइंड बेटर आप्शन, पेरी सामने डाबी का एक वीटर ख़ड़ा था, या किसी मेनेज्मेन इसिट्यूट में M.B.A. के हुआ मेनेजर, शकल देकर तो नहीं लग रहा थ मुलार है, सलाद है, और उपर से मीठा में खीर भी है, और सर, आपको आपके मेनु के मकाबले 20% सस्ता भी पढ़ेगा। दर्का एक सांस में कह गया, पहले don't mind, better option यानि अंग्रेजी, और फिर 20% यानि mathematics भी, अभी कौन है ये दर्का, ध्यान से देखा तो वाक्या बिल में 20% का अंतर भी था, उमर के 42 बसंद देख चुका हुँ मैं, ख़द पढ़ लेता हूं मुझ मुझ, लिफाफा खोले भी उसने जवाब दिया, इसके इलावा क्या करते हो, मैंने पूछा, अच्छा क्या करते हो, मैंने प्रश्न वाच्चिक नहीं कहा हूं से उसे पूछा, यही काम करते हैं सर, इसने जवाब दिया, अच्छा इसके इलावा क्या करते हो, मैंने पूछा, यूपियनसी की त्यार मैंने मुस्कुराते हुए कहा, खाना खाया, पिल टेबल पर था, और अकाश, नहीं नहीं, अकाश मेरे सामने ख़डा था, एक लंबे अरसे बाद मैंने किसी वीटरों को टिप नहीं दिया था, वेट टिप देने लाइक व्यक्ति नहीं था, मेरे पास पारकर का एक पेन � रोज कुआ खोद, रोज पानी पी रहा है, लेकिन फिर भी अपने लिए बैटर आपशिन खोज रहा है, बैटर विकल्प खोज रहा है, जी वर्ग दिन में किताबों में मुँ देख सपनों की लड़ाई लड रहा है, और रात में धाबे पर खाना, पूरोस्ता, सर्वा� संगस्चारी रहना चाहिए, बैटर आपशिन है, ठेंक यूँ