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तोस्ती ना कभी इंतहान लेती है ना कभी इंतहान देती है। तोस्ती तो वो है जो बारिश में भीके छेहरे पर भी आंसों को पहचार देती है। आज रभ से मलाकार की थोड़ी सी आप के बारे में बात की। मैंने कहा क्या दोस्त हैं क्या किस्मत पाई हैं। रभ ने कहा समहाल के रखना मेरी पसंद है जो तेरे हिस्ते में आई है। दिन बीच जाते हैं सुहानी यादे बनकर, बाते रह जाती हैं कहानी बनकर, पर दोस्त तो हमेशा दिल के करीब रहेंगे, कभी मिफकान तो कभी आँखों का पानी बनकर।