Home Page
cover of रिया अलवेकर
रिया अलवेकर

रिया अलवेकर

SangeetaSangeeta

0 followers

00:00-05:27

एक ट्रांसजेंडर महिला शिक्षिका की कहानी,जिसने अपने संघर्ष से समाज की सोच में कुछ बदलाव लाया।

Audio hosting, extended storage and much more

AI Mastering

Transcription

आएए सुनते हैं ट्रांस्जन्डर रिया आलवेकर की कहानी जिसे लिखा है चंदरकांच सेइइने रिया आलवेकर ने ट्रांस्जन्डरों को एक इजदधरी जिनने का रास्ता दिखाया है आज से करीब 32 साल पहले एक लड़के के शरीर में पैदा रिया का नाम घरवालों ने प्रविन रखा था प्रविन पढ़ने में अच्छे थे अच्छे अंकों के साथ उत्री कच्छाओं की सीडिया चड़ते गए बड़ती उम्र के साथ एक मोड आया जब वो अपने शरीर में कुछ असहस्त थे उन्हें सार्वजनिक पौचालेयों के सम्माल में भिचट महसूस होती थी साथियों के उपहाँत या परिवार्ज तमास द्वारा दुखकारे जाने के भैंने लगाकार दबाव बनाए रखा और प्रविन इस असहस्ता को सबसे छिपाते रहे थे हाइस्कुल के बार जब वो कॉलेश पहुँचे तो वही समक्या सामने थी महिला शौचाले में वो जान ही सकते थे और पुरुष शौचाले में वो सहध नहीं थे पीड़ा दायक स्थिती थी बगर बताते तो किते अलवट एक बात वो जान चुके थे कि अपनी पहचान को सार्जनिक करने के लिए उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होना होगा आशिक आत्मुभरता सर्फ सिख्षा से ही हासिल हो सकती है प्रविन को यही लगता था कि प अपरिका बन्दोबत करना बन गया टी एलर्ट की पहचा पास करने के बाद बतोर सिख्षट एक सर्थारी स्पूल में निउस्ति भी मिल गई थी बच्चों को पढ़ाकर प्रविन को एक अजीब सा सकून महतूष हुआ उनके बीच वो अपने भीतर चल रहे द्वन्द क इस सोच ने कुछ और वर्ष ले लिए मगर जब कुछ पैसे इकठा हो गए तो एक दिन हिम्मद जुटा कर उन्होंने परिवार के लोगों को अपनी सच्चाई जागर कर दी उनकी सच्चाई जाँस तक सब्द रहे थे सर्णाटा तूटा, तो सवाल उठा इस समस्या का निधान क्या है? प्रविण ने द्रिखता से कहा कैस्ट से मुक्ती, अपने लिए सहत जिवन. परिजन आसानी से मानने को तैयार ना थे, लेकिन प्रविण अपने को और छलावे में नहीं रखना शाते थे. अंतर तख पर प्रविण ने प्रविण के लिए प्रविण के लिए प्रविण के लिए प्रविण के लिए प्रविण के लिए प्रविण के लिए प्रविण के लिए प्रविण के लिए प्रविण के लिए प्रविण के लिए प्रविण के लिए प्रविण के लिए प्रविण के लिए � तो जेन्डर जी असाइन्मेंट सर्जरी के बाद साल 2019 में प्रविण का कायंटरन रिया में हो गया तक्काल सिख्षिका पज्ज की निउप्ती देना मुनासिद नहीं था अतार जिलापरिशद सिंधुदुर्ग के मुख्य कारिकारी अधिकारी प्रजीत नायर की निरिशहाय के रूप में रिया की निउप्ती की गई रिया की प्रतिबद्धता देख जल्दी उसका पदर्श्थापन जिलापरिशद के उरोज पुद्रुख उठूल में कर दिया गया प्रजीत नायर की निरिशहाय के रूप में रिया की निरिशहाय की गई रिया की निरिशहाय के उरोब पुद्धता देख जल्दी उसका पदर्श्थापन जिलापरिशद के उरोब पुद्धता देख जल्दी रिया ने पिक्षक के मून धर्म को आप्पड़ाप कर लिया है उनका एक मातर लक्षे जाती, संप्रदाय और जेंडर से परे बच्चों को सिल्स ज्यान बातना है इसे लोगों के संख्या लगतक 5 लाग थी, यह वो आबादी है जिसे समाज ने हाक्ये पर डाल रखा है, सरकार और सुप्रिंब कोट ने इनके हाक्ये में कई पैसले की हैं, मगर नादिरित समाज अभी अपनी जगा खिटखा हुआ है अगर संधुदुर्ग की चिलाधिकारी और ओरोस बुद्रुख स्कूल की प्रिंसिपल की तरह संधितगी दिखाई जाए, तो कैर या घुट-घुट करमरने या भिक्षाटन करने के बजाए समाज के लिए उप्योगी सावित हो सकती है

Listen Next

Other Creators