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اڈیو میٹر ڈھونی کی قدرتہ، اوڈو میٹر بہن گھارہ تائی کی ریڈیوری، ایٹی میٹر اوچائے ماپنے میں، لیکٹو میٹر دودھ کی سدھتہ، لکسی میٹر پرکاک کی قدرتہ، ہائیڈو میٹر دھڑھتہ، ہائیڈو میٹر آدھڑتہ، بیرو میٹر وائو کا داب، مینو میٹر گیس کا داب، آ میٹر ڈھڈڈھارہ، ڈھونٹ میٹر بھی بھانتر، پائیرو میٹر اچھی تاپ یعنی سکھن تاپ ماپی، کائرٹ میٹر سورن کی سدھتہ، پائیرو میٹر سمدھر کی گہرائی، کارڈیو گرہ دھڑھے کی گتی ماپنے میں، پالی گرہ جھوٹ کا پتہ لگانے میں، سگنو مینو میٹر رکڈ کیاب ماپنے میں، سسمو گرہ بھکم کی طبرتہ، فونو میٹر دھونی کی طبرتہ، آڈیو میٹر اور فونو میٹر دھونی کی طبرتہ، آڈیو میٹر اور فینو میٹر، سب سے زیادہ راستی ادھیان مدی پردیش میں ہے، سب سے زیادہ ونجیب ادھیارن اندمان نکوار میں ہے، نرسنگھم سمیتی، بینکنگ سودھار، گوپوریا سمیتی، بینک میں گراہک سیوا سودھار، ریزر بینک کی اسطاقنا ایک اپریل انیس سو پائی تیس، ریزر بینک کا راستی کرن ایک جنوری انیس سو انچاس، اسٹیٹ بینک کی اسطاقنا ایک جرائے انیس سو پچپن، ایک پیکو سیکنڈ برابر دس پر پاور میناس بارہ سیکنڈ، پرمانوں کی پرہاوی ترجیہ دس پر پاور میناس دس میٹر، پرمانوں کی پرہاوی ترجیہ دس پر پاور میناس دس میٹر، اور ناوی کرکار دس پر پاور میناس پنگرہ میٹر، ایک جنور دس پر پاور ساتارگ، ایک نیوٹن دس پر پاور پاچ دائن، اور ایک مایکرون جیرو پوینڈ جیرو جیرو ون میلی میٹر۔ سیسا سنچائد میں سرکری کملے کا پریوگ ہوتا ہے اور ناکاسی کات میں ایچا فاٹو سوری کملے کا پریوگ ہوتا ہے۔ रहसानिक परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते, भोती परिवर्तन का परिवर्तन को दोवारा चेंज कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन, समों का पकना रहसानिक परिवर्तन, गहनत वदिग रहने से डूब जाता है, जिसका गहनत वदिग परिवर्तन का परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दो� परिवर्तन का परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दो� दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परि� जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परि� जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परिवर्तन को दोवारा चेंज नहीं कर सकते हैं, जैसे बर्व का जमना भोती परि� मेंडली, मेंडली द्वारा बनाए गई आवर्त शार्दी में आवर्त साथ और वर्ग नौ थे, और अधुनिक आवर्त शार्दी में भी आवर्त साथ और वर्ग नौ हैं, अधुनिक आवर्त शार्दी में परमानु संख्यां 57 से 71 तक को लेंथेज नाइट करेनी, और पर मेंडली, मेंडली द्वारा बनाए गई आवर्त शार्दी में भी आवर्त साथ और वर्ग नौ थे, और वर्ग नौ हैं, अधुनिक आवर्त शार्दी में परमानु संख्यां 57 से 71 तक को लेंथेज नाइट करेनी, और परमानु संख्यां 57 से 71 तक को लेंथेज नाइट को लेंथेज नाइट करेनी, और परमानु संख्यां 57 से 71 तक को लेंथेज नाइट करेनी, और परमानु संख्यां 57 से 71 तक को लेंथेज नाइट करेनी, और परमानु संख्यां 57 से 71 तक को लेंथेज नाइट करेनी, और परमानु संख्यां 57 से 71 तक को लेंथेज नाइट कर परमानु संख्यां को लेंथेज नाइट करेनी, और परमानु संख्यां को लेंथेज नाइट करेनी, और परमानु संख्यां को लेंथेज नाइट करेनी, और परमानु संख्यां को लेंथेज नाइट करेनी, और परमानु संख्यां को लेंथेज नाइट करेनी, और प हरा कसीष फेरश सलफेट को कहते हैं, इसे रोमन मिठोल भी कहते हैं हरा कसीष को, फेरश सलफेट को, उजला खोता गिंग सलफेट को कहते हैं, नीला खोता कापर सलफेट को कहते हैं, इसे तुत्या भी कहा जाता है, लाव खोता कोवाल्ट सलफेट को कहते हैं, पोटेसिय अधुनी गावर सार्णी में 22 अधातिविक तत्तु हैं, जिसमें 11 गैस, 10 ठोस और 1 ब्रब हैं, अधुनी गावर सार्णी में 22 अधातिविक तत्तु हैं, और अस्थाई कठोरता केल्सियम और मैगनिस्यम के बाई करमनेट गुले रहने के कारण, और अस्थाई कठोरता के जल में अस्थाई कठोरता दूर करने के लिए पोटेसियम कलोराइड उप्यूप्त है, पुराने टैन की प्रवकोरंगों को फिर से उभारने के लिए, और बालों के बिलिचिंग करने में हैड्रोजन पर अक्साइड का उप्योग किया जाता है, आवर सार्णी में सुन्वर्ज में छे तत्व हैं, कापर का पर्योग बिजली तार और बरतन बनाने में किया जाता है, अगनी रोधक कपड़ा बनाने में एलिमुनियम सर्फेट का पर्योग किया जाता है, सल्फर का पर्योग बारुद बनाने में होता है, अमोनिया आई-फैक्ट्री में रेयान बनाने में, नैक्टास अक्साइड सर्फ की चिस्ता में, सल्फुरी का अमल पर्योग साला में परतिकारक के रूब में, पैटोरियम सुद्धी करण में, और स्टोरेज बैट्री में सल्फुरी का अमल का पर्योग किया जाता है, लंबाई मीटर, द्रवनार, किलो ग्रंच, समय सकें, ताफ पैलिंग, दिग्री सेल्सियस, दुद् पैटोरियम सुद्धी का अमल परतिकारक के रूब में, पैटोरियम सुद्धी का अमल परतिकारक किया जाता है, लंबाई मीटर, द्रवनार, किलो ग्रंच, समय सकें, ताफ पैटोरियम सुद्धी का अमल परतिकारक किया जाता है, द्रवनार, किलो ग्रंच, समय सेल्सियस रीगवेद में 10 मंदल, 108 सु टॉप, 10,452 रिचिकाय हैं, विश्वामित्र द्वारा रचित रीगवेद के तीसरे मंदल में सुरी देवता सागतरी को समर्पित गायत्री मंत्र है, गायत्री मंत्र जो है तीसरे मंदल में, इसके नवे मंदल में, नवे मंदल में दे जिसके अनुसर चार वर्न होते हैं, रीगवेद में पर्यूगता अधन निसब्द का सम्मंद गाय से है, बर्चमान में प्रच्रिद ज्रेगोरियन के नदर इसामसी के जर्मबर्स यानि कल्पित पर अधारीत है, बामामातार के तीनों पक्का वर्न रीगवेद में है, यजुरवेद सो सौर पात के के लिए मंत्र का बली का नियम यजुरवेद, सामवेद इसमें यगी का उसकर तर गाय जाने पहले रिच्याओं यानि मंत्रों का संक्रन है, अस्तामवात के सामवेद के पास करता को उद्धवर्ती कहते हैं, इसमें 1810 सुक्त है, सामवेद को परत्यविदी सुक्त मनाया होता है, इसमें जीवन के सभी पक्षों का विर्णन है अथरवेद में, जैसे किरिशी, वेपार, रोग, विवाव, चुनाप, वशेखरन, हंद, विश्वाब, अधिग, अदूतरा, गिरी, मिर्मन, ये सब चीज है, अथरवेद में प अथरवेद है, रिगवेद एतरे तथा कोशी तिकी, यजुरवेद एतेतरी तथा सत्पत, सामवेद पंचविश, अथरवेद गोफत, सुत्रा में गौतम धर्म सुत्र सबके प्राचिन मना जिया है, वाई विश्णू पुरान, मौरी वंस, मतस्तु पुरान, आंडर सात जातक में बुद्ध के फिरजन की काहानी है, जिनियान का पर्मुग्रंध कथावस्तूर है, जिसमें बुद्ध के जीवन चरितरने कथावों के साथ वर्णित है, जन साहित को आगम कहा जाता है, जन का प्रारंमीक इतियाज तरस्पुत्र से मिलता है, जन धर्म के भगती लोथल और सुत्कोत्रण सिंदु सभ्यता का बंदरगा था, जूतेवे खेतर आकासी दारी इत्ता परियोका साथ काली बंगन से प्राप्त हुआ है, अगनी कुन लोकल और काली बंगन से प्राप्त हुआ है, सुत्कोत्रण काली बंगन और लोथल से गोड़े के अक् सुत्कोत्रण काली बंदरगा था, जूतेवे खेतर आकासी दारी इत्ता परियोका साथ काली बंदरगा था, सुत्कोत्रण काली बंदरगा था, जूतेवे खेतर आकासी दारी इत्ता परियोका साथ काली बंदरगा था, सुत्कोत्रण काली बंदरगा था, जूतेवे खेत जैनधर के तिरी रत्रे, सम्याक दर्शन, सम्याक जन, सम्याक आच्रन, महाविर के धिक्षुनी संकी परदाम चंदना थी, जैनधर में ईश्वर के मन्यता नहीं है, जैनधर में आत्मा के मन्यता है, महाविर पूर जन में करंबार में विश्वात रखते थे, जैनधर बंदर वाले राजा जूतेवे ते उदाईं चंदगुत मौरे, कलींगे में मेरे खारवे राषकुत और चंदेल साथ सके, महाविर की मिर्तिव 72 वर्ष की आईउं में, 478 इसापुरु में, पावापुरी दिहार में, राजघीर में हो गया था, मन राजा सृष्टी पाल के परफास में महाविर को निर्वान प्राखत हुआ है, भारत उत्री गुलावद में 84 से 373 अक्षांस, पर और 67 साप से 97 किलोमेटर, उत्तर से 3232, पूरा से पच्छिम 2933, अस्थल शीमा 15,233, भाग 7516, मुक विमिका 31,610 किलोमेटर, भारत के 16 राज परोशी देश से जुणा है, भारत के समुदरी शीमा से जुणा 7 देश है, भारत की जल और अस्थल दोनों सीमा से लगा राज 3 है, बंगलादेश, मियानमार और पाकिस्तान, भारत की समुदरी सीमा से लगा देश, पाकिस्तान, मालदीत, सिरलंका, बंगलादेश, मियानमार, थाइलन्ड और इंडोनीशिया है, पूर्वीत, पहले मल्टी माड़ी लाजिस्टिक पर्क तमिलादो, पहले अंतरास्ति मल्टी माड़ी लाजिस्टिक पर्क असम और मल्टी माड़ी लाजिस्टिक पर्क तमिलादो, पहले हटोजन इंधन सेल बस सेवा लेह लगडात, पहले ग्रिन हटोजन बस सेवा दिल्ली, मानक याम उत्तर यानि 85 दिग्री पूर्वीत पाँच राज्यों से गुजरती है, उत्तर पर्देश, मद्द पर्देश, सत्तीज़गर, आंद्र पर्देश और उडिशा, करक रेका आथ राज्यों से गुजरती है, गुजरात, राजस्तान, मद्द पर्देश, सत्तीज़गर, ध्यारकन, पस्तिर, मंगान, तृपूर और मीजोरम, जी का मान कम होता है भिश्वत रेका पर, जी का मान अधिक होता है ध्रूब पर, पृतिरी के केद पर जी का मान सु तौप बढ़ने से ध्वानी की चार बढ़ती है, प्लाइन वेग पिर्थिवी 11.2 किलोमीटर, सूर्जी 42 किलोमीटर और चादरमा 2.37 किलोमीटर, भारत उबमा अधिक में पास जैसे है भारत, पाँचिस्तन, बंगलादेश, नेपाल और भुतान, उत्तर पर्देश की सी बंगलादेश के साथ सीमा पक्षिम, मंगल, असम, मेगाल, तिरिपूरा और मीजोरम, पाकिस्तान से लगा राज, जमु, कस्मी, राजस्तन, गुज्राब, पंजाद, सिक्किं की सीमा नेपाल, भुतान और चीन से मिलती है और नाचल पर्देश की सीमा मियानमा और भुत अरावली राजस्तन में आया, अरावली सबसे पुरानी चक्टाने से बनवा, अरावली की सबसे उठी चोटी मांध अभू परिस्थित, गुरू सिखर है, काथवान्दु घट, इसीवालिक और लगुई माले के बीच है, उत्री साहे द्रिकाल सुभाई, दक्षी साहे द सत्ति सोधक समाज 1873, आर्ये समाज 1875, ब्रह्म समाज 1861, प्रार्थन समाज 1867, सत्ति सोधक समाज 1873, आर्ये समाज 1875, ब्रह्म 1861, प्रार्थन 1867, सत्ति सोधक 1873, आर्ये 1875 प्रार्थन समाज 1867, प्रार्थन समाज 1867, प्रार्थन समाज 1867, प्रार्थन समाज 1867, प्रार्थन समाज 1867, प्रार्थन समाज 1867, प्रार्थन समाज 1867, प्रार्थन समाज 1867, प्रार्थन समाज 1867, प्रार्थन समाज 1867, प्रार्थन समाज 1867, प्रार्थन समाज 1867, प्र

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