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Listen to ahoi mata ki kahani by Renu Agarwal MP3 song. ahoi mata ki kahani song from Renu Agarwal is available on Audio.com. The duration of song is 04:59. This high-quality MP3 track has 320 kbps bitrate and was uploaded on 30 Oct 2023. Stream and download ahoi mata ki kahani by Renu Agarwal for free on Audio.com – your ultimate destination for MP3 music.
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The story is about a blacksmith who lived in a village with his family. One day, he made a promise to a cow to sacrifice his daughter. The daughter was afraid and asked the cow for an alternative. The cow asked her to serve a pot of milk every day. Eventually, the cow took her to a goddess who rewarded her. The blacksmith's daughter then helped various people and asked them to worship the goddess. In the end, she discovered that her own family had started worshiping the goddess. The moral of the story is to always help others and spread the word of the goddess. नमस्कार दोस्तों आज की इस वीडियो में हम आपके लिए लाए है अहोई अश्टमी की कहानी एक गाउ में एक सावकार अपने भरे पुरे परिवार के साथ रहता था उसके साथ बेटे और एक बेटी थी एक बार घर की आँगन लिपने के लिए सावकार की सभी भवे जंग पर स्याव माता नारस हो गई और उसने उससे कहा की मेरे में तेरी कोक बानुगे इस पर स्यावकार की बेटी डर गई और अपनी भावियों से उसके बदले कोक बनवाने की विनन्ति करने लगी तब छोटी भावी अपनी ननन के बदले अपनी कोक बनवाने के लिए तैयार इसका कारण पुछा तो पंडित ने उसे सुरही गाई की सेवा करने की सनाह दी इसके बार छोटी भावी रोज सुरही गाई की सेवा करने लगी इसा करते करते भहुत समय बीद गया एक दिन सुरही गाई ने छोटी भावी से पुछा की तुम मेरी इतनी सेवा क्यों कर रह वो माता से खुलवा दो तो में आपका उपकार मानुगी। सुरही गाई ने उनकी बात मान ली और उसे लेकर साथ संगुंदर पार स्याहु माता के पास चल दी। चलते चलते दोन ठक जाने के से एक पेड़ के निचे बेट गए। उसी पेड़ पर एक गरुण पंखनी का थोड़ी देर बात जब गरुण पंखनी वहाँ आयी और खून विठ्रा देकर चोटी बहू को चोच मारने लगी इस पर सावकर की बहू कहने लगी की मैंने तो तुमारे बच्चो को साफ से बचाया है। तो गरुण पंखनी खुश हो गई और चोटी बहू से कहने लगी क तुमने पीट पर बैठा कर साथ समुंदर पार स्याहु माता के पास पहुचा दिया। स्याहु माता सुरेगाय को देखकर कहने लगी की आओ बहन बहुत दिनों बाद आई हो और फिर उन्हें कहती है की मेरे सर में बहुत जूय हो गई है। तब सावकार की बहु ने सलाई लेकर उनकी सारी जूय निकाल दी जिस से स्याहु माता बहुत खुश हो गई और कहने लगी की तुमने मेरे सर से बहुत जूय निकाली है इसलिए तेरे साथ बेटे और साथ बहुवे होगी। तब सावकार की बहु कहने लगी की मा मेरे तो एक भी बेटा नहीं है साथ कहां से होंगे तब स्याहु माता पूछती है की क्या बात है तब बहु बोली की मा अगर आप मुझे वचन दो तो मैं बताओ तब स्याहु माता ने उसे वचन दिया तो बहु कहती है की आपने मेरी कोक खोलती तो नहीं थी पर अब खोलनी पड़ेगी जा तेरे साथ बेटे और साथ भववे होंगी तु घर जाकर अहोई अश्टमी की पूजा करना और उद्यापन करना बहु लोटकर जब घर आई तो उसने देखा की घर में उसके साथ बेटे और साथ भववे थी वो सब अहोई माता की पूजा कर लेते हैं नहीं तो सबसे चोटी भववे अपने बच्चो को याद करके रोने लग जाएगी जब उसके रोने की कोई आवाद नहीं आई तो उन्होंने अपने बच्चो से कहा की अपनी चाची के घर जाकर देखो की अभी तक वो रोई क्यों नही और उससे पूछने लगी की तेरी कोई कैसे चूट गई तो चोटी भववे बोली की स्याहु माता ने कुर्पा करके मेरी कोई खोल दी हैं खे स्याहु माता जैसी कुर्पा सावकार की चोटी भववे की ऐसी ही हर किसी पर करना कहानी कहने वाले सुनने वाले और हुंकारा भनने वाले हर किसी पर करना बोलो स्याहु माता की जैए बोलो अहुई माता की जैए धन्यवाद
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