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शाम राम लाई शाम राम लाई सुन तेत काढ़ा कहीं कुम जम में होगा सुन तेत काढ़ा कहीं कुम जम में होगा अभी तो मिलन का मनने सुख नहीं होगा अभी तो मिलन का मनने सुख नहीं होगा सुन के प्रेम की परिभाशा आई मन में जो आशा आशा दई रे निराशा जूती दे दया दिलासा शाम ना मिला शाम ना मिला शाम ना मिला