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श्रीमत भगवजिता अध्याय एक शलोक एक धर्मशेत्रे कुरुखशेत्रे सम्वेता युजत्स्व मामका पांडो वारशे किम कुर्वत संजय यानि की धत्राष्ट जोकी दुरियोदन के पिता है और संजय जोकी धत्राष्ट के सेवक है धत्राष्ट उनसे कहते हैं की धर मेरे और पांडवो के पुत्र एक अत्र हुए हैं उन्होंने युद्ध में क्या किया भगवजिता एक गीता महास्तान का सार है जोकी हमको स्रीकरिशने ने हमारी जीवन शेली को जीने के सेव उसको बताने के लिए दिया है अर्जुन ने जिस परकार ये सार भगवजिता किरिशन जी से सुनी और उसका उपदेश गरहन किया उसी थरीके से हमको भगवजिता का उपदेश गरहन करना है बातक को अन सारी शास्त्रों की बाते सिर्फ एक ही सार में भगवजिता में सुनने को मिलेगी