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श्लोक 9 . 1 श्रीभगवानुवाच इदं तु ते गुह्यतमं प्रवक्ष्याम्यसूयवे | ज्ञानं विज्ञानसहितं यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेSश्रुभात् || १ || भावार्थ श्रीभगवान् ने कहा – हे अर्जुन! चूँकि तुम मुझसे कभी ईर्ष्या नहीं करते, इसीलिए मैं तुम्हें यह परम गुह्यज्ञान तथा अनुभूति बतलाऊँगा, जिसे जानकर तुम संसार के सारे क्लेशों से मुक्त हो जाओगे |