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अध्याय 8 श्लोक 26 श्लोक 8 . 26 श्रुक्लकृष्णे गती ह्येते जगतः शाश्र्वते मते | एकया यात्यनावृत्तिमन्ययावर्तते पुनः || भावार्थ वैदिक मतानुसार इस संसार से प्रयाण करने के दो मार्ग हैं – एक प्रकाश का तथा दूसरा अंधकार का | जब मनुष्य प्रकाश के मार्ग से जाता है तो वह वापस नहीं आता, किन्तु अंधकार के मार्ग से जाने वाला पुनः लौटकर आता है |