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After the death of Musa (Moses), when he was presented before Allah, Allah asked him how he experienced death. Musa replied that he saw death as if a living bird was being dipped into fire, with no escape. Another narration compares it to the skin being removed from a live goat. Death is a difficult experience, and we pray for an easy death. Ameen. मुसा अलेहि सलाम के विसाल के बाद जब वे अल्लाह के सामने पेश हुए तो अल्लाह ने उनसे पूचा कमुसा तुमने मौत को कैसा पाया? मुसा अलेहि सलाम ने जवाब दिया या अल्लाह? मैंने मौत को ऐसा देखा जैसे जिंदा परिंदे को आग में भूना जा रहा हो और ना जान निकलने की कोई सूरत थी ना उडपाने की. एक रिवायत में है कि जैसे जिंदा बकरे की खाल उतारी जा रही हो. दोस्तों मौत की तकलीफ बहुत सखत है. अल्लाह हम सभी को आसानी वाली मौत अता फरमाएं. आमीन.