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भारत की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर "रक्त चंदन" पर। यह दुर्लभ पेड़, जिसे "लाल चंदन" भी कहते हैं, आंध्र प्रदेश की शेषाचलम पहाड़ियों में पाया जाता है। इसकी चटक लाल लकड़ी में औषधीय गुण होते हैं और यह लक्जरी फर्नीचर, संगीत वाद्ययंत्र, और पारंपरिक चिकित्सा में उपयोगी है। इसकी भारी मांग पूर्वी एशिया में है, लेकिन इसे उगने में 50-60 साल लगते हैं, जिससे यह दुर्लभ और महंगा हो गया है। रक्त चंदन का निर्यात प्रतिबंधित है, लेकिन अवैध तस्करी बड़ी समस्या है। यह ऑडियो आपको रक्त चंदन के बारे में जानकारी देगा।