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Ravana's arrogance was the main cause of his downfall. Despite being a great scholar, priest, and ascetic, his arrogance led him to kidnap Sita. If he had realized his arrogance and not committed this act, he would have been remembered as a great scholar and priest. His knowledge and wisdom were overshadowed by his arrogance. This story from the Ramayana teaches us that arrogance can destroy even the most capable individuals, while humility can elevate a person to great heights. हन आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। रम और रवान की लदाय का मूल करण रवान का अहांकर ही था। रवान एक महान विडवान, पंदित और तपस्वी था जिन्होंने कई वर्षों तक कथिन तपस्या की थी और बहुत ग्याम प्रप्ट किया था। लेकिन उनका अहांकर उनके पतान का करण बना। अगर रवान ने अपने अहांकर को समहल लिया होता और सीता का अपहरन नहीं किया होता तो आज उन्हे एक महान विडवान और पंदित के रूप में याद किया जाता। उन्होंने वेड, शास्त्रा और ग्यां के कई रूपों में अपना महत्वा प्रदर्शित किया था। लेकिन उनकी ग्यां और विदिया उनके अहांकर के करण उन्हे पतान की और ले गई। रमायन के इस प्रसंग से हमें यही शिक्षा मिलती है कि अहांकर कितना ही समर्थ या ग्यांवन व्यक्ती को भी विनाश की और ले जा सकता है। नमरता और विनमरता व्यक्ती को उंची उचायों तक ले जा सकती है, जबकि अहांकर उस व्यक्ती को निचे गिरा सकता है।