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अजी जन्दरे नीत राते आश्वे जोधी सुर्ण हाते आमां चाये कि बोई पानी यानी, यानी बोन बंदुर यानी, तुमार आछे तो हाँच्छाणी, आरी बिज़ार घरे चापावार पते पते दिन के चेछे, पोनो महते अखुन समय होयो तुमार आछे, आमां के आनी, यानी बोन बंदुर यानी, तुमार आछे तो हाँच्छाणी, आरी बिज़ार घरे आधार शाकु, जिके जिके, आकात उन्दु परा, तुमार परुष्ट रखु, आमाश्री रोय बरा, जिवन उलाई जुले जुले, आपो नारे, खिले मुले, आतोर जिवन मरण दुधी गिये, निवेले आमाई, जानी यानी, जानी बनबंदुर यानी, तुमार आशे तो हाँच कानी, आरी विजान बरे, नित्राते आशबे योधी, सुलोहाते, आमाई, जानी यानी, जानी बनबंदुर यानी, तुमार आशे तो हाँच कानी, आरी विजान बरे,